केन्द्र सरकार की जन विरोधी नीतियों तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के विरोध में कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के साथ खाद्य पेय मिष्ठान विक्रेता संघ के आह्वान पर मप्र बंद का व्यापक असर देखा गया.
बंद के इस आह्वान पर प्रदेश के अधिकांश नगरों में कारोबारी गतिविधियां थमी रहीं और लोग चाय एवं नाश्ते तक के लिये तरस गये.
राजधानी भोपाल के अलावा प्रदेश के इंदौर, जबलपुर, गवालियर, उज्जैन, खंडवा, सतना, सागर, आदि स्थानों पर बंद पूरी तरह सफल रहा. बस एवं यातायात तथा आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया था. किराना दुकानें एवं होटल आदि शाम तक पूरी तरह बंद रहे.
भोपाल में बंद के दौरान व्यापारियों ने मुख्य बाजार हनुमानगंज में धरना दिया और रैली निकालकर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम को काला कानून करार दिया.
कैट के उपाध्यक्ष राधेश्याम माहेश्वरी एवं खाद्य पेय मिष्ठान विक्रेता संघ के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि यह आंदोलन का पहला चरण है और इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार नींद से नहीं जागी तो देश भर में उग्र आंदोलन किया जायेगा.
उनका आरोप था कि केन्द्र सरकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों की गुलाम हो चुकी है और इसीलिये वह देश के फुटकर व्यापारियों को समाप्त कर देना चाहती है.
होशंगाबाद से प्राप्त समाचार के अनुसार, जिले में एयरफोर्स की भर्ती के लिये लगभग 15 हजार युवक इकट्ठा हुए थे, लेकिन हड़ताल के चलते यह सभी नौजवान चाय नाश्ते के लिये भी तरस गये. स्थिति को देखते हुए सर्राफा व्यापारियों ने सर्राफा चौक पर इन युवकों के लिये निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया.