तमीम इकबाल और शाकिब अल हसन ने तूफानी अर्धशतकों की मदद से बांग्लादेश ने एशिया कप के अंतिम लीग मैच में डकवर्थ लुईस नियम के तहत श्रीलंका को पांच विकेट से हराकर पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया.
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तमीम ने 57 गेंद में नौ चौकों की मदद से 59 जबकि शाकिब ने 46 गेंद में सात चौकों की मदद से 56 रन की पारी खेली जिससे मेजबान बांग्लादेश ने 17 गेंद शेष रहते पांच विकेट पर 212 रन बनाकर मैच जीत लिया.
नासिर हुसैन (नाबाद 36) और महमूदुल्लाह (नाबाद 32) ने छठे विकेट के लिए 77 रन की अटूट साझेदारी करके टीम की जीत सुनिश्चित की.
सचिन की कहानी, तस्वीरों की जुबानीइससे पहले बांग्लादेश ने नजमुल हुसैन (32 रन तीन विकेट) की धारदार गेंदबाजी से श्रीलंका को 49.5 ओवर में 232 रन पर रोक दिया था लेकिन पारी खत्म होने के बाद बारिश आ गई और लंबे विलंब के बाद जब खेल दोबारा शुरू हुआ तो बांग्लादेश को 40 ओवर में 212 रन का लक्ष्य मिला.
बांग्लादेश के भारत के बराबर तीन मैचों में दो जीत से आठ अंक रहे लेकिन मेजबान देश ने लीग चरण में भारत को हराने के कारण गुरुवार को होने वाले फाइनल में पाकिस्तान से भिड़ने का हक पाया.
सचिन तेंदुलकर पर विशेष कवरेजवर्ष 1984 में शुरू हुए एशिया कप में यह पहला मौका है जब भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के अलावा किसी अन्य टीम ने फाइनल में प्रवेश किया है. श्रीलंका को टूर्नामेंट में अपने तीनों मैच गंवाने पड़े.
द्रविड़ की जगह लेने को तैयार हैं कोहली: सौरव गांगुलीलक्ष्य का पीछा करने उतरे बांग्लादेश को नुवान कुलशेखरा ने शुरूआती झटके दिए. कुलशेखरा ने सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन (06) और कप्तान मुशफिकुर रहीम (01) को बोल्ड किया जबकि सुरंगा लकमल ने जहुरुल इस्लाम (02) को पवेलियन भेजकर आठवें ओवर में ही बांग्लादेश का स्कोर तीन विकेट पर 40 रन कर दिया.
183 की पारी, क्या विराट कप्तान बनने वाले हैं?तमीम ने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया और कुलशेखरा के पारी के छठे ओवर में तीन चौके लगाए. शाकिब ने भी लकमल के ओवर में तीन चौके जड़े. तमीम ने फरवेज महरूफ की गेंद पर चौके के साथ सिर्फ 46 गेंद में टूर्नामेंट का अपना लगातार तीसरा अर्धशतक पूरा किया और 17वें ओवर में टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया.
वह हालांकि अगले ओवर में भाग्यशाली रहे जब सचित्र सेनानायके ने अपनी ही गेंद पर उनका कैच छोड़ दिया. तमीम हालांकि जीवदान का फायदा नहीं उठा पाए और सेनानायके के अगले ओवर में प्वाइंट पर लाहिरू थिरिमाने को कैच दे बैठे. उन्होंने 57 गेंद की अपनी पारी में नौ चौके जड़े.
शाकिब ने इसके बाद सेनानायके पर तीन चौके जड़े और इस दौरान 43 गेंद में अर्धशतक पूरा किया लेकिन वह इसी स्पिनर की सीधी गेंद को चूककर पगबाधा आउट हुए. उन्होंने 46 गेंद की अपनी पारी में सात चौके मारे.
बांग्लादेश को इस समय जीत के लिए 16.4 ओवर में 77 रन की जरूरत थी और हुसैन तथा महमूदुल्लाह ने इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया. इससे पहले श्रीलंका की शुरूआत खराब रही और उसने 10 ओवर में 32 रन पर ही तीन विकेट गंवा दिये जिसके बाद चामरा कपुगेदारा (62), लाहिरू थिरिमाने (48) और उपुल थरंगा (48) ने मध्यक्रम में उपयोगी पारियां खेल टीम को संभाला.
टीम में वापसी कर रहे नजमुल हुसैन के अलावा बायें हाथ के स्पिनरों अब्दुर रज्जाक (44 रन पर दो विकेट) और साकिब (56 रन पर दो विकेट) ने उम्दा गेंदबाजी की.
जयवर्धने एक्रॉस द लाइन शॉट खेलने की कोशिश में बोल्ड हो गए. संगकारा ने भी खराब शॉट खेला और नजमुल की गेंद को कवर ड्राइव करने की कोशिश में नजीमुद्दीन को आसान कैच दे बैठे.
दिलशान ने अपनी संक्षिप्त पारी के दौरान तीन चौके जमाए लेकिन नजमुल की गेंद को अपने विकेटों पर खेलकर पवेलियन लौट गए. कपुगेदारा और थिरिमाने ने चौथे विकेट के लिए 88 रन जोड़कर पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन इस दौरान रन गति काफी कम रही. दोनों ने 28वें ओवर में टीम का स्कोर 100 रन तक पहुंचाया. थिरिमाने के आउट होने से यह साझेदारी टूटी.
कपुगेदारा और थरंगा ने इसके बाद 7.5 ओवर में तेजी से 49 रन जोड़कर रन गति बढ़ाने की कोशिश की. कपुगेदारा ने शाकिब की गेंद पर दो रन के साथ 85 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. वह एक्सट्रा कवर में शाकिब को कैच देकर पवेलियन लौटे. उन्होंने 92 गेंद का सामना करते हुए चार चौके मारे.
शाकिब ने इसके बाद फरवेज महरूफ (03) और नुवान कुलशेखरा (01) की पारी का अंत किया. थरंगा ने शाकिब के ओवर में छक्का और फिर चौका जड़ा लेकिन वह शहादत हुसैन की गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए. उन्होंने अपनी पारी में दौरान 44 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके और एक छक्का मारा.
सचित्र सेनानायके (नाबाद 19) और लसिथ मलिंगा (10) ने अंतिम ओवरों में कुछ अच्छे शॉट लगाए और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.