बैंक के लॉकर में गहने रखने वाली महिलाओं के लिये अच्छी खबर है. देश के सबसे बड़े नेटवर्क वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बरेली शाखा में एक अभिनव प्रयोग के तहत लाकर रूम में ‘सोलह श्रृंगार’ का बंदोबस्त किया गया है. बैंक प्रशासन इस परिकल्पना को पूरे उत्तर प्रदेश की एसबीआई शाखाओं में लागू करने का मन बना रहा है.
इस अनूठे विचार के जनक बरेली में एसबीआई की मुख्य शाखा के सहायक महाप्रबंधक राकेश कुमार राणा ने बताया कि बैंक प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक लॉकर सुविधा से युक्त हर शाखा पर एक ड्रेसिंग टेबल की व्यवस्था की जाती है, लेकिन उन्होंने इस सहूलियत को महज औपचारिकता के बजाय ‘सम्पूर्ण’ बनाने पर काम किया.
उन्होंने बताया कि मन में अनायास आए विचार को मूर्तरूप देते हुए धीरे-धीरे उस ड्रेसिंग टेबल पर श्रृंगार का सामान बढ़ता गया और अब वह मेज किसी शौकीन महिला के श्रृंगारदान से कम सुविधायुक्त नहीं है.
राणा ने बताया कि अब उस ड्रेसिंग टेबल पर बिंदी-सिंदूर से लेकर काजल, नेल पॉलिश, लिपस्टिक, इत्र, कई तरह की क्रीम, फाउंडेशन, हेयर कलर, हेयर बैंड और आई लाइनर समेत करीब 50 चीजें रखी गई हैं. इन पर होने वाला खर्च बैंक वहन करता है.{mospagebreak}
राणा ने बताया कि सुविधा का स्तर बढ़ाने के कई फायदे हुए हैं. इससे ग्राहक न सिर्फ ज्यादा संतुष्ट हुए हैं, बल्कि शाखा में लॉकर लेने वालों की तादाद में भी बढ़ोत्तरी हुई है.
राणा हालांकि इसे मार्केटिंग नीति का हिस्सा मानने से इनकार करते हैं. उनका कहना है कि जो ग्राहक लाखों रुपए की धरोहर को बैंक के लाकर में रखते हैं, उनकी संतुष्टि और खुशी ही सर्वोपरि होनी चाहिये. उन्होंने कहा कि इसे ‘ब्यूटीफुल बैंकिंग’ के बजाय ‘हैप्पी बैंकिंग’ का नाम दिया जाना चाहिये.
इस बीच, एसबीआई प्रशासन इस अनूठी पहल को प्रदेश में अपनी सभी शाखाओं पर लागू करने पर विचार करेगा. पिछले दिनों बरेली आए बैंक के मुख्य महाप्रबंधक अभय कुमार सिंह ने लाकर रूम में श्रृंगारदान की व्यवस्था से उत्साहित होकर राज्य की लाकर सुविधायुक्त अन्य शाखाओं में भी इसे लागू करने की मंशा जाहिर की थी.
सिंह ने कहा कि ग्राहकों की संतुष्टि और व्यवसाय में बढ़ोत्तरी के लिहाज से यह एक अच्छा विचार है और इसे राज्य की अन्य ऐसी एसबीआई शाखाओं में लागू किया जा सकता है.