महात्मा गांधी के पड़पौत्र तुषार गांधी ने कहा कि बापू का उपवास जहां नि:स्वार्थ होता था वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री का उपवास ‘आत्म प्रचार’ के लिये है.
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तुषार ने कहा कि इस उपवास में केवल आत्मप्रचार है. इसमें कोई पश्चाताप नहीं है. मोदी कहते हैं कि जब लोगों ने उन पर पथराव किया तो उन्होंने उसका इस्तेमाल विकास की सीढ़ी बनाने के लिये किया लेकिन वास्तव में उनका मतलब है कि उन्होंने दिल्ली के लिये सीढ़ी बनायी.
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तुषार ने कहा कि बापू के समय उपवास एक हथियार के तौर पर अलग मायने रखता था. अब रूझान अलग है. बापू का उपवास नि:स्वार्थ होता था.