पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या की साजिश पाकिस्तानी सेना के एक ब्रिगेडियर के घर रची गई थी. एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है, हालांकि सरकार ने इसे ‘पूरी तरह मनगढ़ंत’ करार दिया है.
समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि बेनजीर की हत्या के मामले की ताजा जांच में नौ लोगों की भूमिका का खुलासा हुआ है. इनमें एक ब्रिगेडियर का नाम भी है, जिसके घर यह पूरी साजिश रची गई थी.
अखबार का दावा है, ‘आतंरिक मंत्रालय की देखरेख में कराई गई जांच के निष्कर्षों को जानबूझकर गुप्त रखा गया. यहां तक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के शीर्ष नेतृत्व से भी यह जानकारी छिपाई गई.’ आगे कहा गया है, ‘जांच के नतीजे आंतरिक मामलों मंत्री रहमान मलिक के अधीनस्थ हैं और इसे सिर्फ राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने देखा है.’
पत्र की रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि यह ब्रिगेडियर मौजूदा समय में सेना में कार्यरत है अथवा अवकाश ग्रहण कर चुका है. उसके नाम का खुलासा नहीं हो पाया है. अखबार के इस दावे को मलिक ने सिरे से खारिज कर दिया है. {mospagebreak}
मलिक ने कराची में संवाददाताओं से कहा, ‘यह पूरी तरह से मनगढंत कहानी है. यह गलत है. किसी ब्रिगेडियर के घर कोई साजिश नहीं रची गई. मैंने इस मामले की अब तक जितनी भी रिपोर्ट देखी है, उनमें कहीं भी किसी ब्रिगेडियर का जिक्र नहीं है.’
अखबार के अनुसार बेनजीर के पति जरदारी ने ही इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की योजना कुछ समय के लिए टाल दी है. वह चाहते थे कि पहले सेना के नेतृत्व को विश्वास में लिया जाए और उसके बाद उस अधिकारी और अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की इजाजत दी जाए.
पत्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि नौ साजिशकर्ताओं में से पांच जीवित हैं और चार अन्य मर चुके हैं, जिनमें से एक आत्मघाती हमलावार भी है. इसी हमलावर ने विस्फोट करके 27 दिसंबर, 2007 को रावलपिंडी में बेनजीर की हत्या कर दी थी.
अखबार ने खबर दी है, ‘पांच जीवित साजिशकर्ताओं ने ही हत्यारों को बेनजीर को मारने की सुपारी दी थी. हमलावरों को इन लोगों ने न सिर्फ शरण दी, बल्कि हर तरह की मदद भी मुहैया कराई. अब इनके खिलाफ मामला दर्ज कर मुकदमा चलाया जाएगा.’ ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बेनजीर को मारने के लिए जरूरी सहयोग कुछ वर्दी वालों ने ही दिया. वे लोग भी इस साजिश में शामिल थे. {mospagebreak}
आतंकवादी इन नौ षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे थे और उन्होंने पूरी साजिश को बड़ी सूझबूझ से अंजाम दिया.’ अखबार की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि संयुक्त जांच दल ने दो नए मोबाइल सिम का पता लागाया था. इन दोनों नंबरों से हत्या वाले दिन बात की गई थी. इस संयुक्त जांच दल के नतीजों को आधार बनाकर ही संघीय जांच एजेंसी ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के लिए प्रश्नावली तैयार की थी.
सूत्रों ने बताया, ‘नौ साजिशकर्ताओं की भूमिका का खुलासा होने के बाद मुशर्रफ के लिए प्रश्नावली तैयार की गई. जरदारी भी इन जांच नतीजों को लेकर उहापोह की स्थिति में हैं.’ अखबार के अनुसार सूत्रों ने कहा, ‘जरदारी ने सैद्धांतिक रूप से जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर सहमति जताई है, लेकिन इससे पहले वह इस पर और विचार करना चाहते हैं. सैन्य नेतृत्व ने पूरे सहयोग की बात कही है.’