आजाद हिन्द फौज के जरिए अंग्रेजों की नाक में दम कर देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत का सच आज भी सामने नहीं आ पाया है और यह रहस्य साधु-संन्यासियों के मिथकों तथा गोपनीय फाइलों में गुम हो गया है.
कहा जाता है कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान के उपर हुए एक विमान हादसे में भारत के इस महान सपूत की मौत हो गई थी लेकिन इस कहानी पर बहुत से सवालिया निशान हैं और सच जानने के लिए गठित किए गए आयोगों ने भी इस बारे में अलग..अलग रिपोर्ट दी हैं.
मिशन नेताजी से जुड़े अनुज धर ने जब सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सरकार से नेताजी की कथित मौत से संबंधित फाइल मांगी तो इसे देने से इंकार कर दिया गया.
नेताजी के रहस्य पर पुस्तक लिख चुके अनुज धर का मानना है कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान के उपर विमान हादसे और उसमें नेताजी की मौत की कहानी मनगढ़ंत है तथा ऐसा कोई सबूत नहीं है जो इसकी पुष्टि करता हो. उनका आरोप है कि नेताजी की मौत का सच जानबूझकर छिपाया जा रहा है.