रूस में गीता पर पाबंदी की खबरों को लेकर मंगलवार को भी संसद में हंगामा हुआ. करीब सभी दलों के सांसदों ने केंद्र सरकार से रूस में हिन्दुओं के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए पहल की मांग की.
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा आज लोकसभा में इस मसले पर बयान देने के लिए खड़े हुए लेकिन भाजपा के यशवंत सिन्हा की अगुवाई में पार्टी के सांसदों का हंगामा जारी रहा. लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बार-बार अनुरोध के बावजूद विपक्षी सांसदों का हंगामा शांत नहीं हुआ. इसके बाद कृष्णा ने बयान सदन के पटल पर रख दिया. बयान के मुताबिक ‘भारत ने रूस से बात की है और रूसी सरकार के सामने यह मामला उठाया गया है. रूस ने इस मामले में समुचित कार्रवाई करने का भरोसा दिया है. मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास की इस मामले पर पूरी नजर है.
कृष्णा के इस बयान से असंतुष्ट दिख रहीं भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने सरकार के कदम को नाकाफी बताया. उन्होंने इस मसले पर कड़े कदम उठाने के साथ भगवद् गीता को राष्ट्रीय पुस्तक घोषित करने की भी मांग की.
वहीं दूसरी ओर गीता को लेकर विवाद पर रूस ने खेद जताया है. भारत में रूस के राजदूत अलेक्जेंडर एम कडाकिन ने कहा है कि किसी भी धार्मिक ग्रंथ को अदालत में ले जाना अस्वीकार्य है.