शांति भूषण सीडी मामले में एक लैब से रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में साफ किया गया है कि सीडी से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. हालांकि अभी दूसरी लैब से सीडी की रिपोर्ट आना बाकी है.
दिल्ली पुलिस को एक सरकारी फॉरेन्सिक प्रयोगशाला से उस विवादास्पद सीडी पर रिपोर्ट मिल गई है जिसमें प्रख्यात वकील शांति भूषण और राजनीतिज्ञों मुलायम सिंह यादव तथा अमर सिंह के बीच हुई कथित बातचीत है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें लोधी रोड स्थित सेंट्रल फॉरेन्सिक साइंसेज लेबोरेटॅरी (सीएफएसएल) से रिपोर्ट मिल गई है लेकिन अभी उसका अध्ययन नहीं किया गया है.
दिल्ली पुलिस को शांति भूषण ने इस सीडी की एक प्रति मुहैया कराई थी. सोमवार को दिल्ली पुलिस ने फॉरेन्सिक विश्लेषण के लिए यह सीडी सीएफएसएल को दे दी थी.
शांति भूषण के शिकायत दर्ज कराने पर पुलिस धारा 469 (बदनाम करने के इरादे से की गई जालसाजी) के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक मामला दर्ज कर चुकी है.
शांति भूषण ने आरोप लगाया था कि सीडी फर्जी है और उनकी छवि धूमिल करने तथा लोकपाल विधेयक पर गठित संयुक्त प्रारूप समिति की प्रक्रिया को बाधित करने के इरादे से तैयार की गई है. वह इस समिति के उपाध्यक्ष हैं.
शांति भूषण के पुत्र और वकील प्रशांत का कहना है कि यह सीडी वर्ष 2006 में मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह की बातचीत का इस्तेमाल करते हुए ‘फर्जी तरीके से’ तैयार की गई है और इसका उद्देश्य टू जी स्पेक्ट्रम मामले में तथा अमर सिंह फोन टैप मामलों में फैसलों को प्रभावित करना एवं संयुक्त प्रारूप समिति की प्रक्रिया को बाधित करना है.
उन्होंने कहा कि अमेरिकी विशेषज्ञ जॉर्ज पापकुन और हैदराबाद स्थित ट्रुथ लैब्स द्वारा किए गए फॉरेन्सिक विश्लेषण से पता चलता है कि सीडी में ‘कई अंतराल हैं और कई कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर इलेक्ट्रॉनिक संपादन के संकेत हैं.’
शांति भूषण, मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह के बीच कथित तौर पर फोन पर हुई बातचीत से एक जज को प्रभावित करने के प्रयास जाहिर होते हैं.