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बिहार बोर्ड की 10वीं के नतीजे घोषित

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) (BSEB) ने 10वीं के परीक्षा परिणाम बुधवार को घोषित कर दिए. 12वीं के नतीजे एक-दो दिनों में आने की उम्‍मीद है.

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बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) (BSEB) ने 10वीं के परीक्षा परिणाम बुधवार को घोषित कर दिए. 12वीं के नतीजे एक-दो दिनों में आने की उम्‍मीद है.

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बुधवार शाम 5.30 बजे बोर्ड ने मैट्रिक परीक्षा के परिणामों की घोषणा की. परीक्षा परिणाम बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की वेबसाइट http://biharboard.bih.nic.in/. पर देख सकते हैं. हालांकि बहुत ज्‍यादा ट्रैफिक की वजह से बोर्ड की वेबसाइट खुलने में दिक्‍कत हो रही है.

बिहार में इस वर्ष आयोजित मैट्रिक परीक्षा में 67.21 छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण रहे और छात्राओं की तुलना में छात्रों ने अधिक सफलता पायी.

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित वार्षिक परीक्षा 2011 को जारी करते हुए प्रदेश के मानव संसाधन मंत्री पी. के. शाही ने बताया कि परीक्षा में कुल 931379 छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे जिसमें से 67.21 प्रतिशत यानी 621220 छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए.

उन्होंने बताया कि इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में 532064 छात्र सम्मिलित हुए थे जिसमें से 72.38 प्रतिशत सफल रहे जबकि इस परीक्षा में सम्मिलित होने वाली 399315 छात्राओं में 60.35 प्रतिशत उत्तीर्ण हुए. शाही ने बताया कि सीतामढ़ी जिला के परसौनी चौक स्थित जनता हाईस्कूल के छात्र कुंदन कुमार और पटना जिला के खगौल स्थित घनश्याम बालिका उच्च विद्यालय की शालिनी यादव ने 460 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर रही.

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उन्होंने बताया कि अदसर स्थित जनता हाई स्कूल के छात्र शेखर सुमन 455 अंक पाकर दूसरे स्थान पर तथा हाजीपुर के सहयोगी हाई स्कूल के छात्र संजित कुमार और रोसड़ा हाई स्कूल के छात्र मो. गुफरान आलम 454 अंक पाकर तीसरे स्थान पर रहे. शाही ने उत्तीर्ण छात्रा-छात्राओं को उनकी सफलता के लिए बधाई और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए बताया कि इस वर्ष 15.56 प्रतिशत प्रथम श्रेणी से, 32.93 द्वितीय श्रेणी से और 18.71 प्रतिशत छात्र एवं छात्राएं तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए.

पिछले वर्ष की तुलना में इसबार सफल रहे छात्र-छात्राओं के प्रतिशत में कमी आने के बारे में पूछे जाने पर बिहार के मानव संसाधन विकास मंत्री पी के शाही ने बताया कि इसका कारण नया पाठ्यक्रम लागू होने के साथ परीक्षा का कदाचार मुक्त होना है.

इस बार की मैट्रिक परीक्षा में एक से 15वां स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं में अधिकांश ग्रामीण परिवेश के होने के बारे में पूछे जाने पर शाही ने कहा कि उनकी सफलता से प्रतीत होता है बिहार के गांवों में भी मेघावी छात्र-छात्राएं हैं ऐसे में इस राज्य को आगे बढने से कौन रोक सकता है.

उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में कुल प्राप्तांक का 92 प्रतिशत यानि 460 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर रहे छात्र कुंदन कुमार और छात्रा शालिनी यादव ग्रामीण परिवेश से ही आते हैं. बिहार विद्यालय समिति की वेबसाइट सहित राज्य सरकार की दो अन्य वेबसाइटों पर मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता अब गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराना है.

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इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में अरवल जिले से सबसे अधिक 87.153 प्रतिशत छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए जबकि लखीसराय जिले से 79.411 प्रतिशत और जमुई से 78.416 प्रतिशत छात्र-छात्राएं सफल रहे. इस अवसर पर बिहार विद्यालय समिति के अध्यक्ष प्रो राजमणि प्रसाद सिंह और सचिव अनूप सिंहा सहित समिति के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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