बिहार विधानसभा चुनाव में राजग प्रत्याशियों के चुनावी प्रचार में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ साथ होने चाहिए.
मोतिहारी में राजग प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा में लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, ‘‘1952, 1957 और 1967 में लोकसभा और सभी विधानसभा के चुनाव साथ-साथ हुए, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग के कारण 1971 के बाद से क्रम बिगड़ गया और ये अलग-अलग होने लगे.
चुनाव आयोग से हमने कहा कि क्रम बदलना चाहिए और दोनों चुनाव साथ होने चाहिए.’’ आडवाणी ने कहा कि देश में व्यापक पैमाने पर चुनाव सुधार की दरकार है और इससे लोकतंत्र को सशक्त बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राजनीति में परिवारवाद एक बड़ी समस्या है और इससे बचकर रहना चाहिए.
उन्होंने बढ़ते चुनावी खर्च और राजनीति में धनकुबेरों के दखल पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘बेहिसाब चुनावी खर्च को लोकतंत्र का अनिवार्य हिस्सा मान लिया गया है, लेकिन समय आ गया है कि नियमित दलों को सरकारी खर्च से चुनाव लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए. सार्वजनिक धन से चुनाव लड़ने का प्रावधान चुनाव आयोग को करना चाहिए.’’ आडवाणी ने कहा कि उन्हें चिंता है कि पूंजीपतियों की मदद से चुनाव लड़े जा रहे हैं.