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बिहार विधानसभा में कैग रिपोर्ट पर हंगामा

बिहार विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया तथा रिपोर्ट में 409 करोड़ रुपए के घपले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की.

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बिहार विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया तथा रिपोर्ट में 409 करोड़ रुपए के घपले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की.

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विधानसभा के बाहर विपक्षी दलों के सभी सदस्यों ने सरकार पर घपले और घोटाले का आरोप लगाया और सरकार के विरोध में नारेबाजी की. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सदन के बाहर पत्रकारों को बताया कि राज्य में वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.

उन्होंने कहा कि पहले भी उनका दल बिहार के विकास कार्यों में घपले का आरोप लगाता रहा है, लेकिन सरकार ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया. अब सीएजी की रिपोर्ट से राजद के आरोपों की पुष्टि हो गई है. सरकारी राशि के गबन की जांच सीबीआई से करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को लेकर राजद सदन से सड़क तक संघर्ष करेगा.

वहीं, राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि सीएजी की रिपोर्ट केवल एक आकलन है. इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता. रिपोर्ट लोक लेखा समिति को सौंप दी गई है, जिसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.

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सीएजी की रिपोर्ट मंगलवार को बिहार विधानसभा के पटल पर रखी गई थी. इसके मुताबिक राज्य सरकार ने पिछले नौ वर्षों में खर्च किए गए 22,575 करोड़ रुपये का हिसाब महालेखाकार को नहीं दिया.

रिपोर्ट में सीएजी ने करीब 8,466 करोड़ रुपये के खर्च का उपयोगिता प्रमाण-पत्र नहीं मिलने पर भी नाराजगी जाहिर की है. साथ ही 409 करोड़ के घपले और गबन के लम्बित मामलों में भी कोई कार्रवाई नहीं करने पर चिंता जताई.

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