बिहार में छोटे छोटे मुद्दों को लेकर सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं बाधित करने वाले चिकित्सकों से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शनिवार को कहा कि डॉक्टर ईमानदारी से अपना काम करें बार बार हड़ताल की धमकी न दें.
राज्य में आगामी तीन महीने तक चलने वाले जन स्वास्थ्य चेतना यात्रा कार्यक्रम के उदघाटन समारोह में चौबे ने कहा, ‘सरकारी चिकित्सक बार बार हड़ताल की धमकी न दें. कुछ जूनियर डॉक्टर बहुत धमकी दे रहे हैं. वे काम तो करके दिखायें. ऐसे चिकित्सकों की धमकी के आगे सरकार और राज्य का स्वास्थ्य विभाग डिगने वाला नहीं.’’ पटना के गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने सख्त लहजे में कहा, ‘जनता के कल्याण के लिए जो व्यवस्था बनी है उस पर चोट करने वालों के हम हाथ भी काटना जानते हैं. जनता के लिए बनी कल्याणकारी व्यवस्था पर चोट कभी बर्दाश्त नहीं होगा.’ चौबे ने कहा, ‘मैं चिकित्सक, चिकित्साकर्मियों और व्यवस्थापकों से प्रार्थना करता हूं कि कोई कमी हो तो हमें बताइये और सहयोग कीजिए. तनख्वाह के लिए हड़ताल की धमकी दे रहे हैं.’ स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘ अप्रैल 2012 तक सरकार जूनियर डॉक्टरों की तनख्वाह बढाने की स्थिति में नहीं है. वर्तमान सरकार ने जूनियर डॉक्टरों का वेतन सम्मानजनक बढ़ाया है. चिकित्सक पहले की सरकार के कार्यकाल में धमकी क्यों नहीं देते थे.’ राज्य के विधानपरिषद के सभापति ताराकांत झा ने जनस्वास्थ्य चेतना यात्रा का शुभारंभ किया. 28 जनवरी से 30 अप्रैल 2012 तक इस कार्यक्रम के दौरान राज्य में 10,500 से अधिक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उपस्वास्थ्य केंद में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान एक करोड़ लोगों के स्वास्थ्य की जांच का लक्ष्य रखा गया है.