हाल फिलहाल के दिनों तक दूध आपूर्ति के लिए पंजाब और आंध्र प्रदेश पर निर्भर रहने वाला राज्य बिहार अब दूध उत्पादन के मामले में अग्रणी उत्पादक राज्यों की कतार में शामिल होता जा रहा है.
बिहार प्रदेश सहकारी दुग्ध उत्पादक महासंघ (कॉम्फेड) के महाप्रबंधक अशोक जावा ने बताया कि वर्ष 1999.2000 में दूध की औसत दैनिक खरीद 281.81 हजार लीटर थी जो 2011.12 में करीब 14 लाख लीटर प्रतिदिन की है. उन्होंने कहा कि आज बिहार देश के 10 अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्यों में से है.
प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार ने वर्ष 2021.22 तक दूध की खरीद 32 लाख लीटर प्रतिदिन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.
प्रदेश के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने इस सफलता का श्रेय नीतीश कुमार सरकार की प्रगतिशील रुख को दिया है जो डेयरी उद्योग सहित कृषि क्षेत्र को शीर्ष प्राथमिकता दे रही है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश में दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए रियायती चारे और अन्य चीजों के अलावा मवेशियों की खरीद पर 30 प्रतिशत की सब्सिडी देने सहित किसानों को विभिन्न सहायतायें दे रही है.
राज्य में गुजरात के आनंद की तर्ज पर डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए आपरेशन फ्लड कार्यक्रम लागू करने वाले काम्फेड के प्रबंध निदेशक ने कहा कि प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाये जा रहे हैं. जावा ने कहा कि बिहार पूर्वी राज्यों के लिए तेजी से ‘दूध उत्पादक क्षेत्र’ के रूप में उभरता जा रहा है और वह नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को भी पोषक पेय की आपूर्ति कर रहा है.
उन्होंने कहा कि यहां रोज खरीदे जाने वाले 11 लाख लीटर दूध में से बिहार 3.5 लाख लीटर प्रसंस्कृत दूध प्रतिदिन राष्ट्रीय राजधानी में मदर डेयरी, अमूल और दिल्ली मिल्क स्कीम के साथ साथ असम, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल को भेजता है.
काम्फेड के प्रबंध निदेशक ने कहा कि यह सहकारिता कंपनी प्रदेश में आज 1,800 दूध संग्रहण केन्द्रों को चला रहा है और उसकी सदस्यता 5.33 लाख किसानों की है.
काम्फेड के प्रबंध निदेशक ने कहा कि जल्द ही बिहारशरीफ में एक नया डेयरी संयंत्र लगने जा रहा है जिसके लिए प्रदेश सरकार ने 121 करोड़ रुपये का धन आवंटित किया है.