पटना उच्च न्यायालय ने भोजपुर जिले के बथानी टोला गांव में दलितों के नरसंहार कांड में निचली अदालत से दोषी करार 23 लोगों को बरी कर दिया.
न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह और न्यायमूर्ति एके सिंह की एक पीठ ने 11 जुलाई 1996 में भोजपुर जिले के सहार थाना क्षेत्र अंतर्गत बथानी टोला गांव नरसंहार कांड के सजायाफ्ता 23 लोगों को बरी कर दिया.
आरा स्थित एक स्थानीय अदालत ने 21 लोगों के नरसंहार के मामले में 12 मई 2010 को 23 लोगों को सजा सुनाई थी. तीन लोगों को सजा ए मौत और 20 अन्य को आजीवन कारावास की सजा दी गयी थी. दोषियों ने निचली अदालत के फैसले को पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
पटना उच्च न्यायालय ने अपीलकर्ताओं की सजा समाप्त करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष वादियों की अपराध में संलिप्तता को साबित करने में विफल रहा है. अदालत ने कहा कि सारे साक्ष्य और मामले के अवलोकन से लगता है कि इस मामले में निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं की गयी.
रणवीर सेना के कार्यकर्ताओं ने धावा बोलकर 11 जुलाई 1996 में दो मासूम बच्चों, महिलाओं और बच्चियों समेत 21 दलितों की तड़के दो बजे हत्या कर दी थी. यह नरसंहार राजनीतिक रूप से काफी चर्चित हुआ था.