बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वन एवं पर्यावरण मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक जिलाधिकारी और अनुमंडल अधिकारी को हानररी वाइल्डलाइफ वार्डेन घोषित कर दिया है. उनसे अनुमति लेकर कोई भी नागरिक फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले नीलगायों को अब मार सकता है.
वित्त वर्ष 2012-13 के लिए बिहार विधान परिषद में पेश वन एवं पर्यावरण विभाग के सौ करोड़ रूपये के बजट पर हुए वाद-विवाद के बाद सरकार की ओर से उत्तर देते हुए मोदी ने कहा कि नीलगायों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने की बढ़ती समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रत्येक जिलाधिकारी और अनुमंडल अधिकारी को हानररी वाइल्डलाइफ वार्डेन घोषित कर दिया है. उनसे अनुमति लेकर कोई भी नागरिक अब नीलगाय को मार सकता है.
उन्होंने कहा कि नीलगाय की समस्या का कोई दूसरा उपाय नहीं है क्योंकि उनके नरों के बंध्याकरण सहित सभी उपायों का प्रयोग कर देखा जा चुका है. मोदी ने कहा कि नीलगाय का गाय से कोई संबंध नहीं है और इसको लेकर लोगों के बीच गलत धार्मिक आस्था है. उन्होंने कहा कि लोगों में विभाग किसी एक जिले में नीलगाय को मारने के बारे में लोगों को बतायेगी.
मोदी के जवाब के दौरान प्रतिपक्ष के नेता गुलाम गौस ने हस्तक्षेप करते कहा कि किसी भी जीव-जंतु का पारिस्थिकी से संबंध होता है. ऐसे में अधिक संख्या में नीलगायों को मारे जाने से पारिस्थिकी पर असर पडेगा. इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि नीलगाय इतनी ही संख्या में मारे जाएं कि पारिस्थिकी असंतुलन की समस्या उत्पन्न न हो.
उन्होंने कहा कि पटना में स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान में अब जगह नहीं होने को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने नालंदा जिला के राजगीर में एक नया जैविक उद्यान सह वन्य प्राणी बचाव केंद्र विकसित करने निर्णय किया है.
मोदी ने कहा कि वाल्मीकि नगर बाघ परियोजना में इको टूरिज्म के लिए विकसित करने की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है और वहां अगले छह महीनों में सारी व्यवस्था कर दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि वाल्मीकिनगर बाघ परियोजना एक पर्यटक केंद्र के तौर पर विकसित हो सके इसके लिए वहां इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आठ इको हट का निर्माण करवाया है.