पोलियो के अभिशाप से मुक्ति के बाद स्वास्थ्य सुविधा की दिशा में एक बडी सफलता हासिल करते हुए बिहार अब कुष्ठ रोग से भी मुक्त राज्य बन गया है.
बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘राज्य भी कुष्ठ रोग से मुक्त राज्यों की श्रेणी में शुमार हो गया है. राज्य में कुष्ठ रोगियों की संख्या प्रति 10 हजार की आबादी पर घटकर एक से कम हो गयी है. बिहार में 10 हजार की आबादी पर कुष्ठ रोगियों की संख्या कम होकर 0.89 हो गयी है.'
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के मानक के अनुसार प्रति 10 हजार की आबादी पर कुष्ठ रोगियों की संख्या घटकर एक से कम हो जाने पर उस राज्य को कुष्ठ से मुक्त माना जाता है। अभी राज्य में कुष्ठ रोगियों की संख्या 9440 है.
कुमार ने बताया, ‘बिहार में 1998-99 में प्रति 10 हजार पर 14.2 कुष्ठ रोगी थे. 2006-07 में यह संख्या 1.3, 2011-12 में 1.12 थी. रोगियों की संख्या में लगातार गिरावट आयी है.’ उन्होंने कहा कि राज्य में 10 ऐसे जिले हैं, जहां प्रति 10 हजार की आबादी पर कुष्ठ रोगियों की संख्या एक या उससे अधिक है. ऐसे जिलों पर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाएगा.