बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि राज्य को केन्द्र सरकार से हर मद में जितनी राशि मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है लेकिन फिर भी उनकी सरकार अपने बलबूते पर 40 योजनायें चला रही है.
नालंदा जिले के राजगीर में जदयू के प्रांतीय शिविर के अंतिम दिन केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने मुसीबत के समय राज्य को कभी भी आर्थिक मदद नहीं दी.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा यह कहे जाने कि बिहार को केन्द्र की ओर से विकास और कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए कभी इतनी अधिक वित्तीय मदद नहीं मिली, नीतीश कुमार ने कहा कि सोनिया बिहार को अतिरिक्त राशि देने की बात कह लोगों को गुमराह कर रही हैं जबकि बिहार को हर मद में जितनी राशि मिलनी चाहिए वह भी केन्द्र सरकार से नहीं मिल रही है. उन्होंने सोनिया से केंद्र द्वारा बिहार को दी गयी राशि का ब्यौरा दिए जाने को कहा है.
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को ही नई दिल्ली में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक के दौरान सोनिया ने कहा कि बिहार को केन्द्र की ओर से विकास और कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए कभी इतनी अधिक वित्तीय मदद नहीं मिली. उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं और कार्यक्रमों का अनुपालन प्रदेश सरकारें करती हैं इसलिए कई राज्यों में वे अकसर दावा करती हैं कि जो कुछ भी हुआ है, वह राज्य सरकार ने किया है. {mospagebreak}
नीतीश ने कहा कि उनकी सरकार केन्द्र की वैसाखी पर नहीं चल रही है बल्कि उसने अपने बलबूते पर राज्य के हर वर्गो के लोगों के लिए 40 योजनायें शुरू की हैं और पिछले साढ़े चार वर्ष में राज्य की बिगड़ी स्थिति को सुधारने का कार्य किया है.
उन्होंने कहा कि बिहार पिछले चार वर्षों से प्राकृति आपदा से जूझ रहा है. 2008 में कोसी प्रक्षेत्र में आयी प्रलयंकारी बाढ़ के समय केंद्र से मदद मांगी गयी थी जिसपर प्रधानमंत्री ने एक हजार करोड़ रुपये राहत मद में सहायता दी लेकिन उक्त प्रक्षेत्र के पुर्नवास के लिए आज तक केंद्र से मदद नहीं मिली. राज्य के साथ अन्याय होने की बात करते हुए नीतीश ने कहा कि केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में वृद्धि कर देश के संघीय ढांचे पर हमला हो रहा है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र की पिछली राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में तय किया गया था कि केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या घटायी जायेगी लेकिन ये योजनायें बढ़ायी जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि साढ़े चार वर्षों में प्रदेश में उन्होंने जो विकास कार्य करवाये हैं वह पिछले 15 वर्षों में भी नहीं हुए थे और वह जनता की उम्मीद पर खरे उतरे हैं. नीतीश ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर बिहार आने के लिए समय नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में कृषि विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा रोड मैप बनाया गया और उसे प्रधानमंत्री के हाथों जारी कराने के लिए उन्होंने सिंह से समय भी मांगा था पर उन्होंने समय नहीं दिया. {mospagebreak}
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप प्रधानमंत्री के हाथों जारी कराने का उनका एकमात्र उद्देश्य था कि इससे किसानों का उत्साह बढ़ता और तेजी से काम होता. उन्होंने केंद्र पर किसी भी क्षेत्र में बिहार को अतिरिक्त राशि नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र से राशि नहीं मिलने के बावजूद प्रदेश में मौजूद राष्ट्रीय मार्गों की मरम्मती के लिए राज्य सरकार ने अपनी ओर से एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जब अपनी ही सड़क बनाने में सक्षम नहीं है तो बिहार को अतिरिक्त राशि क्या देगी बल्कि उसके लिए राज्य सरकार द्वारा खर्च की राशि देने में भी आना-कानी कर रही है. नीतीश ने कहा कि बिहार में उनके शासनकाल के दौरान कानून का राज स्थापित हुआ है.