बिहार सरकार ने राज्य को धार्मिक व ऐतिहासिक पर्यटन के लिए विश्व स्तरीय गंतव्य में बदलने का बीड़ा उठाया है. राज्य सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में किया है जबकि चीन, ताइवान व जापान जैसे देशों ने 200 करोड़ रुपये के निवेश का वादा कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हाल ही की भूटान तथा चीन की यात्रा के बाद विभिन्न गंतव्यों के लिए धन आना शुरू हो गया है. राज्य सरकार पर्यटन उद्योग को प्राथमिकता आधार पर चुस्त दुरूस्त करने के लिए पहले ही योजना बना चुकी है.
राज्य के पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटू ने बताया, ‘ताइवान ने बेतिया, नंदनगढ में पर्यटन स्थलों की बहाली में 100 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया है. इन दोनों स्थलों को बुद्ध सर्किट का भाग माना जाता हैं चीन ने नालंदा में 100 करोड़ रुपये निवेश करने का प्रस्ताव किया है.’
उन्होंने कहा, ‘बिहार बौद्ध व जैन धर्म का जन्मस्थल है. इसके अलावा यह सीता व गुरू गोविंद सिंह की जन्मभूमि रहा है. सूफी अनुयायियों के लिए भी यह बहुत महत्वपूर्ण है.’
पर्यटन मंत्री ने कहा कि जापान ने राज्य में पर्यटन स्थलों के साथ साथ दूसरी बुनियादी ढांचा विकास योजनाओं में भी निवेश करने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के लिए बजट आवंटन को अगले वित्त वर्ष में दोगुना कर दिया जाएगा.