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विशेष राज्य का दर्जा हमारा हक: नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाने को अपना हक बताया. साथ ही कहा कि उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रदेश की पिछली राबड़ी देवी सरकार की मांग का विरोध नहीं किया था.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाने को अपना हक बताया. साथ ही कहा कि उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रदेश की पिछली राबड़ी देवी सरकार की मांग का विरोध नहीं किया था.

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर भागलपुर और बांका जिलों में आयोजित अधिकार सम्मेलन के दौरान जनसभाओं को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रदेश की पिछली राबड़ी देवी सरकार की मांग का विरोध नहीं किया था.

नीतीश ने कहा कि पिछली अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के बाद केंद्र में संप्रग सरकार सत्ता में आयी पर उन्होंने (लालू ने) केंद्र में मंत्री रहते हुए क्यों नहीं कहा कि उनकी पत्नी राबड़ी देवी की सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की थी वह अब दे दिया जाए.

उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो को बिहार में राजग शासनकाल में कानून का राज स्थापित होना अच्छा नहीं लग रहा है. क्या लालू चाहते हैं कि बिहार में फिर से अपहरण उद्योग चालू हो.

नीतीश ने कहा कि उनके (लालू के) परिवर्तन यात्रा का मतलब यह है कि बिहार राजद शासनकाल की पुरानी स्थिति में फिर से वापस लौट आए ताकि यहां कानून का राज खत्म हो और आतंक का राज स्थापित हो.

उन्होंने कहा कि पहले बिहार को दूसरे नामों से जाना जाता था. आतंक और अपहरण की खबरें छपती थी, लेकिन आज परिवर्तन आया है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लिए बिना प्रदेश में सत्ता पर्वितन को लेकर उनकी यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार में विगत सात सालों में जब इस तरह का बदलाव आया है तो वे किस तरह का परिवर्तन चाहते हैं, वे खुद अपने सीने पर हाथ रखकर सोचें. उन्होंने कहा ‘बहुत लोगों को डाह और ईर्ष्या है हमसे, बहुत परेशानी है. अपना मौका मिला 15 साल में तो क्यों नहीं किए.’ नीतीश ने कहा कि बिहार के लोग बदल चुके हैं अब वे किसी के बहकावे में नहीं आने वाले हैं. बिहार में शांति, सौहार्द एवं सर्वधर्म सद्भाव है, लोगों में मेलजोल और मुहब्बत है.

उन्होंने कहा कि हम मिलजुल कर बिहार की तरक्की कर रहे हैं और अपनी इस पहचान को कायम रखेंगे तथा मिलकर बिहार का हक लेंगे. विशेष राज्य का दर्जा हमारा हक है. ये बात बिहार के साढ़े दस करोड लोग के मन में घर कर चुकी है.

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