बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के एतिहासिक गांधी मैदान में 18वें पुस्तक मेला का उदघाटन करते हुए कहा कि प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला लगाने में आयोजकों को सरकार हर संभव सहयोग करेगी.
नीतीश ने कहा कि प्रदेश में लगने वाले पुस्तक मेलों में वह पिछले पांच वर्षों से शामिल होते रहे हैं और प्रदेश के बहुत से लोगों को इस पुस्तक मेला का इंतजार रहता है उन्होंने कहा कि ये बात अलग है कि साक्षरता के मामले में बिहार अभी भी पीछे है पर यहां काफी लोग किताबे पढते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोग किताबों के साथ-साथ अखबार एवं पत्रिकाएं भी पढ़ते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश से प्रकाशित होने वाले अखबारों को पढ़कर लोग उनके संपादकों को भी फोन करते हैं और अपनी राय जाहिर करते हैं.
नीतीश ने कहा कि बिहार के पाठकों के सजग होने के चलते प्रकाशकों का यह दायित्व बनता है कि वह पाठकों के सामने पढ़ने वाली चीजें ज्यादा से ज्यादा रखें.
नीतीश ने कहा कि पिछली बार जब वर्ष 2005 में उन्होंने सरकार बनाई थी तो लगभग 25 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा से दूर थे लेकिन आज इनकी संख्या घटकर महज सात लाख 70 हजार रह गयी है. इन्हें भी सरकार स्कूलों तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में अब साक्षरता की दर बढ़ रही है और स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में कमी आयी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा का विस्तार तो हुआ है लेकिन माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी स्कूलों की कमी है.
नीतीश ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा को बढावा देने के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण नई पीढी में पढने की ललक जगी है और वे पढना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि दसवीं की छात्राओं को स्कूल जाने के लिए साइकिल खरीदने के वास्ते धन देने की योजना के बेहतर परिणाम दिखे और इस योजना ने पूरे ग्रामीण अंचल के वातावरण को बदल दिया.
{mospagebreak} मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की किसी एक योजना अगर सबसे बडा असर पड़ा है तो वह साइकिल योजना है.
इस अवसर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में पिछले कुछ वर्षों में लोगों में शिक्षा की भूख जगी है और इस भूख को दूर करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
मोदी ने कहा कि प्रदेश की पिछली राजग सरकार ने बिहार राज्य सार्वजनिक पुस्तकालय और सूचना केंद्र अधिनियम 2008 को अधिसूचित कर दिया है और इस बाबत पुस्तकालय एवं सूचना प्राधिकार का शीध्र गठन कर दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य पुस्तकालय निधि का गठन किया जाएगा जिसमें राज्य सरकार भी अनुदान देगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की राज्य में एक पुस्तकालय निदेशालय के गठन की भी योजना है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि प्रदेश के 2731 माध्यमिक-उच्च विद्यालयों के पुस्तकालयों को 54.62 करोड रुपये सरकार ने दिए हैं और 2937 विद्यालयों में प्रथम चरण में 973 पुस्तकालय की बहाली की जा चुकी है. समारोह को पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, पुस्तक मेला समिति के अध्यक्ष एच एल गुलाटी और समिति के सदस्य नरेंद्र कुमार झा और साहित्यकार एवं पूर्व प्रशासक जिया लाल आर्या ने भी संबोधित किया.
इस अवसर पर मेला के संयोजक ध्रुव कुमार ने साहित्यकार हरे प्रकाश उपाध्याय को विद्यापति पुरस्कार, रंगकार बिजेंद्र कुमार टाक को भिखारी ठाकुर पुरस्कार और पीटीआई से जुडे फोटोग्राफर अमृत जय किशन को सुरेंद्र प्रताप सिंह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की.