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दिल्ली: 14 दिसंबर के बाद नहीं चलेंगी ब्लूलाईन बसें

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बदनाम ब्लूलाईन बसों का युग संभवत: समाप्त होने वाला है. दिल्ली सरकार के सोमवार के निर्णय पर अमल हुआ तो ये बसें 14 दिसंबर के बाद सड़कों पर नहीं दिखेंगी.

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बदनाम ब्लूलाईन बसों का युग संभवत: समाप्त होने वाला है. दिल्ली सरकार के सोमवार के निर्णय पर अमल हुआ तो ये बसें 14 दिसंबर के बाद सड़कों पर नहीं दिखेंगी.

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दिल्ली के परिवहन मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने कहा है कि दिल्ली में ब्लूलाईन बसों के लिए 14 दिसंबर अंतिम परिचालन दिन होगा. उन्होंने ब्लूलाईन बस मालिकों के साथ बैठक के बाद यह घोषणा की. लवली ने कहा, 'हम दिल्ली के लोगों को ब्लूलाईन बसों की दया पर नहीं छोड़ सकते.'

दिल्ली में लगभग 2,400 ब्लूलाईन बसें हैं जिनमें से 1,600 को इसी माह राष्ट्रमंडल खेलों से पहले ही हटा दिया गया था. इन बसों के परिचालन से लगभग 8,000 ड्राइवरों कंडक्टरों की आजीविका जुड़ी हुई है. जिन 1,600 बसों को हटाया गया था उनमें से 835 को गैर एनडीएमसी क्षेत्र में परिचालन की फिर अनुमति दी गई थी लेकिन इनका परमिट भी इसी सप्ताहांत रद्द कर दिया जाएगा. {mospagebreak}

लवली ने कहा, 'सरकार इस सप्ताह अधिसूचना जारी करेगी. जिन 835 बसों को अनुमति दी गई थी वे इसी सप्ताह के आखिर तक सड़कों से हट जाएंगी.' इसके बाद लगभग 800 बसें दिल्ली में 14 दिसंबर तक चलेंगी. ब्लूलाईन बसों को हटाने के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित मामले के बारे में लवली ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि अदालत उसके फैसले को स्वीकार कर लेगी. हम इस फैसले की जानकारी अदालत को देंगे.'

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्लूलाईन बसों को हटाने के सरकार के कदम पर इस साल फरवरी में रोक लगा दी थी. न्यायालय का कहना था कि डीटीसी अकेले आम परिवहन की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है. सरकार कई साल से ब्लूलाईन बसों को हटाकर उनकी जगह डीटीसी का नया बेड़ा लगाना चाह रही है.

राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान खिलाड़ियों व अधिकारियों आदि के आवागमन के लिए लगी 1,000 से अधिक लो फ्लोर बसें अब डीटीसी के बेड़े में शामिल होंगी. डीटीसी और बसों को अपने बेड़े में शामिल करने की योजना बना रही है.

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