भाजपा ने सीबीआई की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आयकर अपीली न्यायाधिकरण के एक हालिया फैसले में बोफोर्स तोप खरीद मामले में ओत्तावियो क्वात्रोच्चि और विन चड्डा को दलाली मिलने का खुलासा होने के बाद इस घोटाले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से तफ्तीश कराने की जरूरत है.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने कर भुगतान के एक मामले में 31 दिसम्बर को दिये अपने फैसले में कहा है कि रक्षा सौदों में किसी भी बिचौलिये को दलाली नहीं देने की सरकार की नीति का बोफोर्स मामले में स्पष्ट उल्लंघन हुआ और चड्ढा तथा क्वात्रोच्चि को दलाली दी गयी.’
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘इस खुलासे के बाद अजीब और विरोधाभासी स्थिति निर्मित हो गयी है क्योंकि एक तरफ सरकार की शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई ने बोफोर्स घोटाला मामले में कहा है कि बिचौलियों को कोई दलाली नहीं दी गयी, जबकि देश के शीर्ष राजस्व विवाद निपटान निकाय ने कहा कि दलाली का भुगतान हुआ और दलाली हासिल करने वालों को कर भुगतान करना चाहिये.’
उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायाधिकरण के फैसले से सीबीआई द्वारा इस धांधली पर उसके राजनीतिक आका कांग्रेस के कहने पर डाला गया पर्दा उठ गया है. ..ऐसे में इस मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से तफ्तीश कराना जरूरी हो गया है.
जेटली ने कहा, ‘भाजपा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को कड़ा संदेश देती है कि भ्रष्टाचार के मामलों पर पर्दा डालना बंद करें और दोषियों को सलाखों के पीछे डालें. भ्रष्टाचार से निपटने के लिये किसी पांच सूत्री कार्यक्रम के बजाय इस एक सूत्री उद्देश्य की जरूरत है.’