दिल्ली में उस वक्त फिर से सनसनी फैल गई, जब स्थानीय गार्गी कॉलेज के सामने बम होने की खबर सामने आई. घटनास्थल से मिले रहस्यमयी बैग में कुछ पाउडर, दो पेंसिल बैटरियां और तार रखे थे.
पुलिस ने कहा कि खेल गांव मार्ग स्थित गार्गी कॉलेज के पास एक बस स्टैंड से बैग मिला. पुलिस को दोपहर करीब 12.15 बजे एक छात्रा ने फोन करके बस स्टॉप पर लावारिस पड़े बैग की जानकारी दी.
देखें दिल्ली हाईकोर्ट के सामने कैसे हुआ था ब्लास्ट
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण रेंज) अमूल्य पटनायक ने कहा कि सामग्री पटाखे जैसी लगती है और इसमें विस्फोटक नहीं हैं. यह फटने वाला नहीं था.
पटनायक ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि किसी ने शरारत की है. यह फट नहीं सकता था क्योंकि ऐसा कोई बंदोबस्त नहीं था जिससे इसमें विस्फोट होता. यह एक तरह के पटाखे जैसी सामग्री थी.’ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि बैग में कुछ पाउडर, तार और दो पेंसिल बैटरी हैं. कुछ भी आपस में जुड़ा हुआ नहीं है.
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा कि कोई विस्फोटक तत्व नहीं मिला है. यह किसी की शरारत है. इसका 25 मई को उच्च न्यायालय के बाहर हुए विस्फोट से कोई लेनादेना नहीं है.
बम निरोधक दस्ते और फोरेंसिक विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गये और उन्होंने नमूने इकट्ठे किये. पुलिस ने इलाके को घेर लिया है जहां गार्गी कॉलेज में अनेक छात्राएं मौजूद हैं.
इससे पहले 25 मई को उच्च न्यायालय के बाहर मामूली तीव्रता वाला एक बम विस्फोट हुआ था. गनीमत थी कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ.
पुलिस को 25 मई के विस्फोट के मामले में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है हालांकि अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश में एक जगह इस बात का पता लगाने की कोशिश की कि क्या विस्फोट करने वाले वहां के बाजार से रसायन लाये थे.
सूत्रों के अनुसार जांचकर्ताओं ने गाजियाबाद के पास पिलखुआ के बाजार में छापे मारे और अमोनियम नाइट्रेट तथा पोटेशियम क्लोरेट की बिक्री के बारे में पड़ताल की जिनका इस्तेमाल आमतौर पर रंगाई के काम में होता है.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि विस्फोट का मकसद बड़ा नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि डर पैदा करना था.