इस सप्ताह के शुरू में चीन के राष्ट्रपति हू जिन्ताओ से मुलाकात करने के बाद भारत चीन संबंधों को नयी ऊंचाईयां मिलने के प्रति आशान्वित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उम्मीद जताई कि सीमा प्रबंधन पर नयी द्विपक्षीय व्यवस्था शुरू करने के फैसले से निकट भविष्य में ‘ठोस परिणाम’ मिलेंगे.
चीन के सान्या में बुधवार को हू से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने व्यापार असंतुलन से लेकर विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की और चीन के राष्ट्रपति ने इस बात पर सहमति जताई कि समस्या से निपटने की जिम्मेदारी उनके देश की भी है.
चीन और कजाखस्तान के पांच दिवसीय दौरे से लौट रहे सिंह ने अपने साथ गए संवाददाताओं से कहा ‘यह मुलाकात बेहद उत्साहजनक थी. हमने द्विपक्षीय संबंधों और व्यापार असंतुलन के बारे में चर्चा की. हमने अंतरराष्ट्रीय स्थिति और जी. 20, डब्ल्यूटीओ तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावना सहित अन्य सामयिक मुद्दों पर भी विचारविमर्श किया.’
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ ने ब्रिक्स देशों के सम्मेलन से इतर मुकालात की थी. इस मुलाकात का सकारात्मक परिणाम यह निकला कि भारत ने एक उच्चस्तरीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल को चीन भेजने का निर्णय लिया है. इसके अलावा सीमा पर शांति कायम करने के लिए एक नयी व्यवस्था शुरू की जाएगी.
दोनों देशों के बीच करीब नौ महीने की अवधि के बाद शुरू होने जा रहे रक्षा आदान-प्रदान के बारे में सिंह ने कहा ‘मेरी अपेक्षा है कि यह जारी रहेगा.’ गौरतलब है कि नत्थी वीजा मसले पर भारत ने पिछले साल जुलाई महीने में चीन के साथ उच्च स्तरीय रक्षा आदान-प्रदान पर रोक लगा दी थी.
वहीं सीमा प्रबंधन पर नयी व्यवस्था के बारे में सिंह ने कहा कि पिछले साल जब चीनी प्रधानमंत्री वेन जिआबाओ दिल्ली आए थे तो उन्होंने यह प्रस्ताव रखा था. सिंह ने कहा ‘इस पर कार्य चल रहा है. मुझे आशा है कि निकट भविष्य में इससे संबंधित ठोस परिणाम दिखाई देंगे.’ दूसरी तरफ चीन के साथ व्यापार असंतुलन पर सिंह ने कहा कि उन्होंने यह मामला जिंताओ के सामने उठाया था और कहा था कि भारत वस्तुओं और सेवाओं का आयात करता है जो असंतुलन को बढ़ाता है. जिंताओ ने भी इसे एक समस्या के रूप में स्वीकार किया.
चीनी बाजारों में ज्यादा पहुंच बढ़ाने की भारत की चाहत पर सिंह ने कहा कि उन्होंने औषध उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे दो क्षेत्रों पर विशेष रूप से बात की थी.
सिंह ने कहा ‘मैं नहीं कह सकता कि उन्होंने (जिंताओ) निश्चित तौर पर इन दो क्षेत्रों के बारे में कहा लेकिन उन्होंने कहा कि चीन भी यह मानता है कि व्यापार असंतुलन से निपटना उसकी भी जिम्मेदारी है.’