पिछले 32 साल में पहली बार यमुना का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर बुधवार को 207 मीटर पर पहुंच गया और गुरुवार तक कम नहीं हुआ है. नदी में आए उफान के चलते शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है. यमुना का पानी खतरे के निशान से उपर, 206. 92 मीटर पर बह रहा है.
निचले इलाकों गढ़ी मांडू, उस्मानपुर पुश्ता, जगतपुर गांव और शास्त्री नगर में रह रहे सैकड़ों लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले सप्ताह बाढ़ का खतरा उत्पन्न होने के बाद सरकार द्वारा स्थापित राहत शिविरों में 3,500 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया जा चुका है.
अधिकारी ने बताया कि प्रतिकूल परिस्थिति से निपटने के लिए सभी इंतजाम किए जा चुके हैं. अब से पहले वर्ष 1978 में शहर में भीषण बाढ़ आई थी जब यमुना का जल स्तर 207. 49 मीटर पर पहुंच गया था.
लगातार बारिश होने की वजह से हरियाणा हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ रहा है जिससे पिछले कुछ दिनों से यमुना के जल स्तर में वृद्धि हो रही है.
पिछले 40 सालों के दौरान शहर में वर्ष 1967, 1971, 1975, 1978, 1988, 1995 और 1998 में बाढ़ आई लेकिन वर्ष 1978 की बाढ़ बेहद भयावह थी क्योंकि तब शहर के कई निचले इलाके जलमग्न हो गए थे.