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स्टेम कोशिकाओं का स्रोत हो सकता है मां का दूध

मानव में मां का दूध स्टेम कोशिकाओं का स्रोत हो सकता है. इससे पार्किंसंस व शुगर जैसी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को मदद मिल सकती है.

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मां का दूध
मां का दूध

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मानव में मां का दूध स्टेम कोशिकाओं का स्रोत हो सकता है. इससे पार्किंसंस व शुगर जैसी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को मदद मिल सकती है.

वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय की शोधकर्ता फोटेनी हैसियोटू का कहना है, 'मां के दूध में स्टेम कोशिकाएं होने का फायदा यह है कि इससे बिना किसी चीरफाड़ के ये कोशिकाएं प्राप्त की जा सकती हैं. इसके अन्य स्रोत अस्थिमज्जा, गर्भनाल का रक्त व अन्य प्रकार का रक्त हैं.'

 

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मां के दूध में मौजूद स्टेम कोशिकाओं को न केवल स्तन कोशिकाओं बल्कि हड्डियों की कोशिकाओं, उपास्थि (कार्टिलेज), वसा, मस्तिष्क, लीवर व अग्नाशय कोशिकाओं में तब्दील किया जा सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि ये कोशिकाएं किस तरह के माध्यम में वृद्धि करती हैं.

हर्टमैन ह्यूमन लैक्टेशन रिसर्च ग्रुप की हैसियोटू ने कहा, 'यदि हम इन कोशिकाओं के गुणों को और स्तन व स्तनपान में इनकी भूमिका को समझ सकते हैं तो हम स्टेम कोशिका इलाजों में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं.'

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विश्वविद्यालय से जारी एक वक्तव्य के मुताबिक, 'स्टेम कोशिका थेरेपी एक बहुत ही विश्वसनीय प्रौद्योगिकी है. हर साल ऑस्ट्रेलिया में 1,000 से ज्यादा और शेष दुनिया में 60,000 से ज्यादा स्टेम कोशिका प्रत्यारोपण किया जाता है.'

उन्होंने कहा, 'वर्तमान इलाजों की सीमाएं ये हैं कि प्रत्यारोपित स्टेम कोशिकाएं चीरफाड़ के जरिए प्राप्त की जाती हैं और उनमें सीमित विभेद किया जा सकता है.'

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