सीएजी की रिपोर्ट शीला सरकार की मुसीबतों को बढ़ा सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कनॉट प्लेस को चमकाने के काम में बेवजह देरी की गयी.
इस वजह से 76 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत में नौगुना बढ़ोत्तरी हो गयी. उसी तरह सड़कों को किनारे की रौनक बढ़ाने के नाम पर सलाहकारों की नियुक्ति में भी पारदर्शिता नहीं बरती गयी जिसका नतीजा हुआ सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा.
वैसे ही आयातित स्ट्रीट लाइटिंग में मुख्यमंत्री की सक्रिय भागीदारी की वजह से 30 करोड़ रुपेय का घाटा हुआ.
लेकिन दिल्ली सरकार गला फाड़कर कह रही है कि शीला दीक्षित बेगुनाह हैं और सीएजी रिपोर्ट में उन पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है.
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