समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने गैर एनडीए और यूपीए दलों के साथ मिलकर कोयला घोटाले की जांच की मांग पर शुक्रवार को संसद के बाहर धरना दिया. मुलायम ने कोयला आंवटन रद्द किए जाने की मांग की है.
मुलायम ने मांग की कि कोयला आंवटन की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाई जाए और जहां गड़बडि़यां पाई जाएं वो आंवटन रद्द हों. मुलायम के इस धरने में वामपंथी दल भी उनका साथ दे रहे हैं. गुरुवार को ही मुलायम ने गैर यूपीए और गैर एनडीए दलों की बैठक बुलाकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को घेरने की घोषणा की थी.
मुलायम का न्यौता आया तो लेफ्ट पार्टियों को भी लगने लगा है कि उनको एक ठिकाना मिल गया. और जो बात मुलायम खुलकर न कह सके वो राग लेफ्ट के नेताओं ने अलापना शुरू कर दिया. अब कांग्रेस की मुश्किल ये है कि वो मुलायम को साथी माने या फिर विरोधी.
कांग्रेस खुलकर मुलायम के खिलाफ कुछ नहीं कह सकती क्योंकि वो मुलायम की बैसाखी के सहारे की सरकार चला रही है. तीसरा मोर्चा तो कांग्रेस को कल्पना की कोरी उड़ान लग रहा है. एनडीए भी इसको ज्यादा तूल नहीं दे रहा है.
इस पूरे मामले को लेकर सवाल ये भी उठ रहा है कि इसके पीछे रणनीति बीजेपी के पीएम को इस्तीफा देने को लेकर चल रहे अडियल रुख की रणनीति को फेल करने की कोशिश तो नहीं है.