कॉमनवेल्थ खेलों में दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार की मुसीबत और कांग्रेस की परेशानी बढ़ती जा रही है. ऐसी खबर है कि कॉमनवेल्थ खेलों में कुछ ठेकों को लेकर सीएजी ने शीला दीक्षित सरकार पर उंगली उठायी है.
ऐसी खबर है कि दिल्ली में स्ट्रीट लाइटिंग के लिए नीलामी में नियमों की अनदेखी की गयी और स्पेस एज नाम की एक नाकारा कंपनी को इसका ठेका दे दिया गया.
ये भी खबर है कि दिल्ली सरकार और दूसरी सरकारी एजेंसियों ने सड़कों के किनारे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे बेवजह खर्च किये जबकि स्ट्रीट लाइटिंग के नाम पर एमसीडी, एनडीएमसी और पीडब्लूडी ने 31 करोड़ 7 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च किये, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी.
सीएजी की ये रिपोर्ट संसद के पटल पर रखी जानी है. लेकिन उससे पहले ही दिल्ली सरकार ने इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली के मुख्य सचिव पीके त्रिपाठी का कहना है कि सीएजी को उसके हर सवाल का जवाब भेज दिया गया है.
दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि उसके जवाब को सीएजी की रिपोर्ट में शामिल कर लिया जाएगा. संसद में आने के बाद इस रिपोर्ट को सरकार लोक लेखा समिति के पास भेजेगी. दिल्ली सरकार का कहना है कि अगर लोक लेखा समिति इसमें जवाब मांगेगी तो उसे भी हम अपनी सच्चाई से रूबरू कराएंगे.
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