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2जी के बाद अब दुर्लभ एस बैंड स्पेक्ट्रम घोटाला

2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला अभी सुखिर्यों में बना ही हुआ है कि अब सीधे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तहत आने वाले इसरो से जुड़े दुर्लभ एस-बैंड स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमतता का मामला सामने आया है.

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2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला अभी सुखिर्यों में बना ही हुआ है कि अब सीधे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तहत आने वाले इसरो से जुड़े दुर्लभ एस-बैंड स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमतता का मामला सामने आया है.

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इस पर भाजपा सहित अन्य विपक्षी दलों ने इसके आवंटन को तुरंत रद्द करने और प्रधानमंत्री से सफाई देने की मांग की है. भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘यह आश्चर्यजनक बात है कि सीधे प्रधानमंत्री के तहत आने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दुर्लभ एस-बैंड स्पेक्ट्रम आवंटन में घोटाला हुआ है.’

पार्टी ने अपना रुख और आक्रमक करते हुए कहा कि इस नए रहस्योद्घाटन को देखते हुए ‘प्रधानमंत्री को सबसे पहले तीन काम करने चाहिए. दुर्लभ एस-बैंड स्पेक्ट्रम के एक निजी कंपनी को गुप-चुप किए गए आवंटन को तुरंत रद्द किया जाए, इस आवंटन से राजस्व को हुए नुकसान को वापस लिया जाए और सिंह इस संबंध में तुरंत स्पष्टीकरण दें.’ {mospagebreak}

ऐसी खबरें हैं कि कैग ने देवास मल्टीमीडिया के साथ हुए इसरो के समझौते की जांच शुरू कर दी है. इस समझौते के तहत देवास मल्टीमीडिया को कथित तौर पर 20 साल के लिए दुलर्भ एस बैंड स्पेक्ट्रम का 70 मेगा हर्ट्ज़ उपलब्ध कराया जाएगा. सीतारमण ने आरोप लगाया कि इसरो के ही पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार एम जी चन्द्रशेखर अब देवास मल्टीमीडिया के चेयरमैन हैं जिसे ‘गुप चुप’ तरीके से यह दुलर्भ स्पेक्ट्रम बहुत ही सस्ते दाम में आवंटित किया गया है.

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उन्होंने कहा कि इस घोटाले का अंदाजा इन तथ्यों से ही लगाया जा सकता है कि इस दुर्लभ 190 मेगाहर्ट्ज़ एस-बैंड स्पेक्ट्रम में से 70 मेगा हर्ट्ज़ एमटीएनएल और बीसीएनएल को लगभग 12500 करोड़ रुपए में आवंटित किया गया जबकि देवास मल्टीमीडिया को महज एक हजार करोड़ रुपए में. {mospagebreak}

माकपा के पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा, ‘यह एक नया मुद्दा है. इसरो प्रधानमंत्री के तहत आने वाला विभाग है. यह एक नया घोटाला है.’ भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा कि यह नया रहस्योद्घाटन ‘बहुत ही गंभीर’ है जिसकी गहरी जांच की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘इस रहस्योद्घाटन ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में नया आयाम जोड़ दिया है. चूंकि इसरो सीधे प्रधानमंत्री के तहत है इसलिए यह और भी गंभीर मामला है. इसके अलावा इसरो अंतरिक्ष मामलों का विभाग है इसलिए इस सौदे से हमारे देश की सुरक्षा भी प्रभावित हो सकती है.’ आरएसपी के वरिष्ठ नेता अवनि राय ने मामले की गहन जांच की मांग करते हुए कहा, ‘वाम दल निश्चित तौर पर मांग करेंगे कि इस नए घोटाले को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जोड़ का अध्ययन किया जाए. चारों वाम दल इस मुद्दे पर आगे की रणनीति के बारे में विचार करेंगे.’

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