उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार स्थित मातृ सदन के साधु निगमानंद के मौत की सीबीसीआईडी से जांच कराने की घोषणा की. राज्य के पर्यटन मंत्री मदन कौशिक ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार निगमानंद की मौत से जुडे सभी मामलों की सीबीसीआईडी से जांच करायेगी और पूरे तथ्य की जानकारी हासिल करने के लिये गहराई तक जायेगी ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
कौशिक ने कहा कि सरकार ने गंगा में रेत के खनन के मुद्दे पर मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद का अनशन तुड़वाया था और सरकार गंगा की निर्मलता और पवित्रता के मुद्दे पर उनसे पूरी तरह से सहमत है और गंगा में खनन को बंद करा दिया गया था.
उन्होंने कहा कि स्वामी निगमानंद द्वारा अनशन के दौरान उनके इलाज के लिये पहले सरकार ने उन्हें हरिद्वार के अस्पताल में भर्ती कराया था और उसके बाद उन्हें जालीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंत्री ने कहा कि निगमानंद की मृत्यु पर न केवल उनको बल्कि पूरी पार्टी को दुख है लेकिन जो लोग उनकी मृत्यु पर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिये.
राज्य के पर्यटन मंत्री कौशिक ने कहा कि जहां तक निगमानंद को जहर देने के आरोप का सवाल है तो यह सारे मामले जांच के दौरान उजागर हो जायेंगे. इसमें सरकार पूरी पारदर्शिता से काम करेगी. एक सवाल के जवाब ने उन्होंने कहा कि मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद की ओर से यदि सरकार से लिखित रूप से इस पूरे मामले में पारदर्शिता के लिये कोई भी आग्रह किया जायेगा तो उस पर सरकार विचार करेगी.
उनसे जब यह पूछा गया कि शिवानंद ने निगमानंद के शव की दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग की है तो उन्होने कहा कि इस कार्य की वैधानिकता की जांच करने के बाद सरकार द्वारा यथासंभव कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि स्वामी निगमानंद की मौत का मुद्दा कोई राजनैतिक नहीं है. कांग्रेस का कोई नेता आज तक निगमानंद को देखने तक नहीं गया और आज उनकी मौत पर राजनीति शुरू कर दी गयी है.
मंत्री ने कहा कि हरिद्वार के अस्पताल से लेकर हिमालयन अस्पताल तक भाजपा सरकार के ही लोगों ने निगमानंद की देखरेख की थी. उनसे जब यह कहा गया कि शिवानंद ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है तो उन्होने कहा कि इस सिलसिले में मुख्यमंत्री से बातचीत की जायेगी. सरकार ने सीबीसीआईडी जांच की घोषणा कर दी है.