scorecardresearch
 

सीबीडीटी से नहीं छिनेगा फोन टैपिंग का अधिकार

नीरा राडिया प्रकरण में फोन टैपिंग विवाद उठने के बाद सचिवों की एक समिति की कड़ी सिफारिशों के बावजूद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पास फोन टैपिंग का अधिकार बना रहेगा.

Advertisement
X

Advertisement

नीरा राडिया प्रकरण में फोन टैपिंग विवाद उठने के बाद सचिवों की एक समिति की कड़ी सिफारिशों के बावजूद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पास फोन टैपिंग का अधिकार बना रहेगा.

एक अधिकारी ने बताया, ‘कुछ विशेष शर्तों के साथ सीबीडीटी को फोन टैपिंग का अधिकार जारी रहेगा.’ हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सीबीडीटी द्वारा किसी के फोन टैप करने के पीछे किस तरह की शर्तें लागू होंगी.

कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली सचिव समिति की रिपोर्ट के बाद यह कदम उठाया गया है. समिति ने अपनी सिफारिश में कहा था कि सीबीडीटी को उन एजेंसियों की सूची से बाहर कर दिया जाना चाहिए, जिन्हें फोन टैपिंग का अधिकार मिला हुआ है क्योंकि कर चोरी के मामले आपराधिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे न होकर केवल दीवानी मामले हैं.

Advertisement

रोचक बात यह है कि इन खबरों के बीच कि टेलीफोन टैप करने के मुद्दे पर सीबीडीटी की शक्तियों को कम करने का मुद्दा और कुछ न होकर सिर्फ वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी (जिनके अधीन सीबीडीटी आती है) और गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बीच ‘शक्ति संघर्ष’ है सरकार ने पिछले महीने स्पष्टीकरण जारी किया था कि टेलीफोन टैप करने वाली अधिकृत एजेंसियों की सूची से सीबीडीटी को बाहर करने की सिफारिश को व्यक्तियों के बीच टकराव या हितों के टकराव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
कारपोरेट लाबिस्ट नीरा राडिया के मामले में नवम्बर 2007 में वित्त मंत्रालय के पत्र के आधार पर आयकर विभाग को राडिया का फोन टैप करने की इजाजत मिल गई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि राडिया ने नौ साल के छोटे से अंतराल में 300 करोड़ रुपये का व्यावासायिक साम्राज्य खड़ा कर लिया है.

Advertisement
Advertisement