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2जी पर सीबीआई और सरकार के बीच नूराकुश्ती

पी चिंदबरम के खिलाफ 2 जी मामले में जांच होनी चाहिए या नहीं, इस मुद्दे पर सीबीआई और सरकार के बीच नूराकुश्ती हुई. एक तरफ सीबीआई का रवैया चिदंबरम को बचाने वाला नजर आया, दूसरी तरफ अदालत में ये जताने की कोशिश भी दिखी की सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है.

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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

सरकार के भीतर मची खलबली अब बाहर नजर आने लगी है. मंगलवार की सुबह ही केंद्रीय मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ मंत्री की झल्लाहट ने अंदर के हालात का इशारा कर दिया.

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सरकार और कांग्रेस इस वक्त जिस कदर घिरी है उसमें ये गुस्सा लाज़मी है. विपक्ष जबरदस्त हमला कर रहा है, अब तक जिस आरोप में सहयोगी घिरे थे उसमें कांग्रेस खुद उलझ गई है, और अब तो अंदरुनी कलह भी जनता के सामने आ गई है. उलझनों के इस भंवर से निकलने का रास्ता कब और कैसे मिलेगा ये मालूम नहीं.

पी चिंदबरम के खिलाफ 2 जी मामले में जांच होनी चाहिए या नहीं, इस मुद्दे पर सीबीआई और सरकार के बीच नूराकुश्ती हुई. एक तरफ सीबीआई का रवैया चिदंबरम को बचाने वाला नजर आया, दूसरी तरफ अदालत में ये जताने की कोशिश भी दिखी की सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है. फिलहाल अदालत की सुनवाई मंगलवार पूरी नहीं हो सकी है ये बुधवार को भी जारी रहेगी.

देश भर की नजरें टिकी थी सुप्रीम कोर्ट पर. दोपहर दो बजे उस केस की सुनवाई शुरु हुई जिसमें सरकार की सांसें अटकी है मुद्दा था कि क्या 2जी मामले में पी चिदंबरम के खिलाफ जांच होनी चाहिये. सुनवाई का आधार था सुब्रमण्यम स्वामी के सौंपे कुछ दस्तावेज़. इस दस्तावेज़ में वित्तमंत्रालय का पीएमओ को भेजा वो नोट भी शामिल है जिसमें लिखा है कि चिदंबरम चाहते तो टूजी घोटाला रुक सकता था.

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केंद्र सरकार के वकील ने करीब सवा घंटे तक अपनी दलील दी. लेकिन गृहमंत्री पर लग रहे आरोपों पर कोई जवाब नहीं आया. बजाए इसके केंद्र की ओर यही कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट इस केस की निगरानी ना करे क्योंकि इससे निचली अदालत की सुनवाई पर असर पड़ेगा. इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि अगर एक तरफ जनहित हो और दूसरी तरफ कानूनी तकनीकियां, तो अदालत का काम दोनो में संतुलन बिठाना है.

अदालत में सीबीआई ने केंद्र की दलील का विरोध भी किया. केंद्र की ओर से लिखित दलील दी गई कि केस जुड़े हर नए सबूत की जांच करना सीबीआई की जिम्मेदारी है, और हो सकता है कि अगले स्टेटस रिपोर्ट में उनका जिक्र हो. इस पर सीबीआई के वकील के के वेनूगोपाल भड़क गए और कहा कि सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है और हमारे मुंह में शब्द न डाले जाएं.

सीबीआई ने ये भी कहा कि वित्त मंत्रालय के ताज़ा नोट के अलावा सुब्रमण्यम स्वामी के सौंपे सारे दस्तावेज हमारे पास पहले से हैं और उनकी जांच पूरी हो चुकी है. इस मामले में सीबीआई पहले ही वित्त मंत्रालय को क्लीन चिट दे चुकी है.

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