कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी.जनार्दन रेड्डी से जुड़े अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने एक पूर्व सरकारी अधिकारी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी की जानकारी रविवार को दी गई. सीबीआई के अनुसार, पूर्व सरकारी अधिकारी वी.डी.राजागोपाल को शनिवार की रात गिरफ्तार किया गया. तत्कालीन खनन निदेशक राजागोपाल पर आरोप है कि उन्होंने कर्नाटक की सीमा से लगते अनंतपुर जिले में लौह अयस्क के खनन के लिए पट्टा स्वीकृत कर ओबुलापुरम माइनिंग कम्पनी (ओएमसी) की मदद की थी.
गिरफ्तार किए जाने के बाद पूर्व अधिकारी से हैदराबाद स्थित सीबीआई कार्यालय में शनिवार देर रात तक पूछताछ की गई. राजागोपाल को एक दंडाधिकारी के सामने उनके आवास पर पेश किया गया. दंडाधिकारी ने सीबीआई को विशेष अदालत के समक्ष सोमवार को पेश करने का निर्देश दिया. पूर्व अधिकारी को इसके बाद सीबीआई कार्यालय में वापस लाया गया जहां उनसे पूछताछ की जा रही थी.
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने राजागोपाल के आवास की तलाशी भी ली और कुछ दस्तावेज जब्त किए. राजागोपाल तीसरे आरोपी हैं जिन्हें 2009 में ओएमसी के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. इससे पूर्व सीबीआई ने जनार्दन रेड्डी और ओएमसी के प्रबंध निदेशक बी.वी श्रीनिवास रेड्डी को पांच सितम्बर को कर्नाटक के बेल्लारी से गिरफ्तार किया था. दोनों हैदराबाद के चंचलगुडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं.
नियमों का उल्लंघन कर ओएमसी तथा अन्य खनन कम्पनियों के लिए पट्टा स्वीकृत किए जाने में उनकी भूमिका के सम्बंध में सीबीआई पिछले दो महीने में राजागोपाल से कई बार पूछताछ कर चुकी है. वह वर्ष 2005 से 2010 तक खनन निदेशक थे. सीबीआई अधिकारियों ने कथित तौर पर उनसे वाईएसआर कांग्रेस पार्टी प्रमुख वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी की कथित अवैध सम्पत्ति के सम्बंध में भी पूछताछ की.
पूर्व अधिकारी ने कथित तौर पर पेन्ना सीमेंट्स के लिए पत्थरचूना खनन का पट्टा स्वीकृत किए जाने में अहम भूमिका निभाई थी. इस कम्पनी ने जगनमोहन रेड्डी के जगती पब्लिकेशंस में निवेश किया था. जगन के पिता वाई.एस. राजशेखर रेड्डी उन दिनों आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.