आरुषि तलवार हत्या कांड में जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए विधि मंत्रालय ने सीबीआई से इस 14 वर्षीय लड़की की मौत की जांच प्रक्रिया बंद करने वाली अपनी रिपोर्ट पर फिर से विचार करने को कहा है.
विधि मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने संवाददाताओं को बताया, ‘सीबीआई एक स्वतंत्र और स्वायत्त संगठन है. हम इसे निर्देश नहीं दे सकते. आरूषि हत्या मामले में जन भावनाओं को देखते हुए हमने सीबीआई अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है और उनसे यह कहा है कि इस मामले में अदालत को सौंपी गई ‘क्लोजर रिपोर्ट’ पर वह फिर से विचार करे.’ गौरतलब है कि सीबीआई ने 29 दिसंबर को एक अदालत को एक क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी.
सीबीआई ने इसके पीछे यह वजह बताई थी कि जांच कार्य को जारी रखने के लिये मौका ए वारदात पर कोई सबूत मौजूद नहीं है. इस तरह से जिस हत्याकांड ने दो साल पहले पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, उसमें कोई नतीजा नहीं निकल पाया है.
मोइली ने कहा कि सीबीआई इस मामले की पर्याप्त रूप से जांच करने में नाकाम रही. उन्होंने कहा कि वह इस बात को गंभीरता से लेंगे कि इस तरह की चूक कैसे हो गई.
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जेपीसी जांच कराए जाने की मांग पूरी नहीं होने की दशा में संसद के आगामी सत्र का विपक्ष द्वारा बहिष्कार किये जाने की धमकी के बारे में पूछे जाने पर मोइली ने कहा कि यह ‘गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी’ है. मोइली ने यहां विश्वरैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘इस मामले की सीबीआई जांच हुई है और संसदीय मामलों की समिति :पीएएसी: से जांच जारी है. यदि उन्हें लगता है कि मामले की इसके अलावा जेपीसी जांच कराये जाने की भी आवश्यकता है तो उन्हें ठोस आधार पेश करना होगा और इसपर संसद में चर्चा करनी होगी.’’ विधि मंत्री ने कहा, ‘‘बजट सत्र का बहिष्कार करने की धमकी देने वाले उनके रूख से सिर्फ यही जाहिर होता है कि वे अपने कर्तव्यों के प्रति कितने लापरवाह हैं.’