सीबीआई ने एक विशेष अदालत में ढाई साल पुराने सनसनीखेज आरूषि हत्याकांड को बंद कर दिया क्योंकि इस मामले में किसी की जांच करने के लिए कोई सबूत नहीं पाया गया.
गाजियाबाद की विशेष अदालत द्वारा स्वीकार की जाने वाली अंतिम रिपोर्ट में सीबीआई ने इस मामले में और जांच करने में अक्षमता जतायी है क्योंकि अपराध स्थल पर पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाये थे.
दंतविज्ञानी युगल राजेश तलवार और नुपुर की 14 वर्षीय पुत्री की लाश नोएडा स्थित जलवायु विहार में 16 मई 2008 को बरामद की गयी थी.
उनके घरेलू नौकर यम प्रसाद बंजादे उर्फ हेमराज, जिसे पहले संदिग्ध के तौर पर देखा जा रहा था, का शव अगले दिन छत पर पाया गया था.
इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाने के कारण इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी थी जिसने एक जून 2008 को संयुक्त निदेशक अरूण कुमार के नेतृत्व में राजेश तलवार की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले की जांच शुरू की लेकिन जब सीबीआई 18 महीने बीत जाने के बावजूद इस मामले में किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पायी तो जांच एजेंसी ने पुलिस अधीक्षक, सीबीआई नीलाभ कृष्णा की अध्यक्षता में गठित एक नयी टीम को जांच सौंप दी थी.