केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा लिखे गये पत्र पर विचार कर रही है. इस पत्र में सेना प्रमुख ने उन आरोपों की जांच करवाने के लिए कहा है, जो तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग के खिलाफ लगाये हैं.
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी को जनरल सिंह का पत्र मिला है और इसके साथ सांसद अंबिका बनर्जी की शिकायत भी नत्थी की हुई है. उन्होंने बताया कि एजेंसी कैबिनेट सचिवालय और रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर विशेष सीमांत बल (एसएफएफ) के लिये खरीदे गये उपकरणों का रिकार्ड मांग सकती है.
सूत्रों ने बताया कि बनर्जी ने पिछले साल मई महीने में रक्षामंत्री को पत्र लिखा था. जनरल सुहाग दीमापुर स्थित तीसरी कोर के कमांडर हैं और वह सेना प्रमुख (लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह के बाद) का पद संभालने वाले संभावित अधिकारियों की कतार में हैं.
उन्होंने बताया कि जनरल सिंह ने अब सीबीआई से अनुरोध किया है कि वे विशेष सीमांत बल (एसएफएफ) के लिये किये गये सौदे में हुए भ्रष्टाचार के बारे में सांसद द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करे.
इस दौरान जनरल सुहाग महानिदेशक थे. यह बल भारत की बाह्य खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनलसिस विंग (रॉ) के साथ काम करता है. सूत्रों के मुताबिक बनर्जी ने आरोप लगाया है कि इस गुप्त बल के लिये जरूरी सामानों के सौदे में दलाली दी गई. इन उपकरणों में रात में देखने वाले उपकरण से लेकर पैराशूट तक शामिल हैं.
उन्होंने दावा किया कि सांसद ने कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का नाम लिया था जिन्हें कथित रूप से इन सौदों में दलाली मिली थी.
एसएफएफ को इस्टेब्लिशमेंट-22 के नाम से भी जाना जाता है. यह एक खुफिया बल है और इसका गठन 1962 के बाद किया गया था. यह रॉ के अंतर्गत काम करता है जो कैबिनेट सचिवालय के नियंत्रण में आता है.