केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में जेल में बंद आरोपी द्रमुक सांसद कनिमोझी और सह आरोपी कलैगनर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि अगर उन्हें जमानत दी गयी तो वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
उच्चतम न्यायालय में दाखिल किये गये अपने हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कनिमोझी और कुमार मुख्य षडयंत्रकर्ता हैं और कलैगनर टीवी के खाते में स्थानांतरित की गयी 200 करोड़ रुपये की राशि इस मामले में दी गयी रिश्वत का हिस्सा है न कि ऋण जैसा कि इन अभियुक्तों ने कहा है.
एजेन्सी ने कहा कि 2जी घोटाले में चूंकि जांच अपने शुरूआती दौर में है इसलिये शीर्ष अदालत के लिये अभी उन्हें जमानत देना सही नहीं होगा. सीबीआई ने कहा है कि सीबीआई की विशेष अदालत और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने सभी ठोस सबूतों तथा अन्य तत्वों का गहन अध्ययन किया था और उसके बाद उनकी जमानत याचिका नामंजूर की थी.
उच्चतम न्यायालय ने गत 13 जून को सीबीआई से कनिमोझी और कुमार की जमानत याचिका पर जवाब देने के साथ ही यह भी बताने को कहा था कि द्रमुक के स्वामित्व वाले कलैगनर टीवी को 2जी घोटाले में कथित तौर पर दिये गये 200 करोड़ रुपये कहां गये.
न्यायमूर्ति बी एस चौहान और स्वतंत्र कुमार की पीठ ने भ्रष्टाचार को मानवाधिकार उल्लंघन का निकृष्टतम स्वरूप बताया और सीबीआई से यह जानकारी देने को कहा कि एक दूरसंचार संचालक को 13 लाइसेंस दिये जाने से और सीबीआई की विशेष अदालत में चली सुनवाई के कारण सरकारी खजाने को कितना नुकसान हुआ.
कनिमोझी और कुमार ने गत दस जून को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर उनकी जमानत की अर्जी खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि उनके राजनीतिक संबन्ध बहुत मजबूत हैं और ऐसे में उनके गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
कनिमोझी और कुमार को 200 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोपी बताते हुए सीबीआई के दूसरा आरोप पत्र दायर करने के बाद विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका गत 20 मई को खारिज कर दी थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. कनिमोझी और कुमार दोनों की कलैंगनर टीवी में 20-20 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
कलैंगनर टीवी में शेष 60 प्रतिशत हिस्सेदारी द्रमुक प्रमुख करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल की है जिन्हें आरोपियों की सूची से बाहर रखा गया है. कलैगनर टीवी प्राइवेट लिमिटेड ने कथित रूप से शाहिद बलवा द्वारा प्रवर्तित डीबी रियलटी के जरिये 200 करोड़ रुपये की रिश्वत प्राप्त की थी.
कनिमोझी और कुमार ने गत 23 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर विशेष अदालत द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किये जाने को चुनौती दी थी. विशेष अदालत ने यह कहते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि उनका अपराध गंभीर है और उनके गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने गत 20 मई को कनिमोझी और कुमार की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने के आदेश दिये थे और तब से दोनों तिहाड़ जेल में बंद हैं. कनिमोझी ने विशेष अदालत में एक महिला के नाते उन्हें जमानत देने का आग्रह किया था जबकि उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी दायर करते हुए आवेदन दिया था कि उन्हें उनके स्कूल जाने वाले बच्चे की देख रेख के लिये जमानत दी जाये क्योंकि बच्चे के पिता विदेश में काम करते हैं.