सीबीआई मुंबई की विवादास्पद आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी को रक्षा विभाग की जमीन आवंटित होने के पहलू की जांच कर रही है लेकिन सोसायटी का दावा है कि भूमि महाराष्ट्र सरकार की है.
इस विवाद की पृष्ठभूमि में रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है. इस दौरान वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी भी मौजूद थे.
इस विवाद से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का नाम जुड़ने से भी कांग्रेस के लिये मुश्किलें पैदा हुई हैं क्योंकि सोसायटी के सदस्यों में उनकी दिवंगत सास भगवती मनोहरलाल शर्मा का नाम भी सामने आया है.
चव्हाण इस बारे में टिप्पणी देने के लिये उपलब्ध नहीं हो सके लेकिन उन्होंने इस बारे में जानकारी मांगी है.
सीबीआई यह जांच कर रही है कि पूर्व सेना प्रमुखों, नेताओं और नौकरशाहों ने कारगिल युद्ध नायकों तथा उनके परिजनों के आवास के लिये दक्षिण मुंबई के कोलाबा में बने अपार्टमेंट को खरीदने के लिये कैसे धनराशि जुटायी.
उधर, पर्यावरण मंत्रालय ने आदर्श सोयायटी मामले में कथित तौर पर अनियमितता होने से इनकार किया है और तटवर्ती नियमन क्षेत्रों का उल्लंघन करने के लिये महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
सोसायटी को कभी भी हरी झंडी नहीं दिये जाने की बात साफ करने की कोशिश के तहत मंत्रालय ने नई दिल्ली में एक बयान जारी करते हुए वर्ष 2003 में महाराष्ट्र के शहरी विकास विभाग के साथ हुए संपर्क के विवरणों का संदर्भ दिया है.
वर्ष 2003 में मंत्रालय ने विभाग से कुछ सवाल किये थे.
पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है और इन खबरों का खंडन किया है कि उसने 11 मार्च 2003 को सोसायटी के निर्माण के लिये अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था. उधर, मुंबई में आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी ने दावा किया कि जहां पर उसकी 31 मंजिला इमारत का निर्माण किया गया है वह जमीन महाराष्ट्र सरकार की है.
सोसायटी ने दावा किया है कि उसने निर्माण संबंधी उद्देश्य के लिये एक इंच भी अतिक्रमण नहीं किया है.
आदर्श सोसायटी के अध्यक्ष ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) एम एम वांचू ने मुंबई में एक बयान जारी कर कहा, ‘तथ्य यह है कि रक्षा विभाग की कोई भूमि नहीं हड़पी गयी है. आदर्श सोसायटी ने एक इंच जमीन पर भी अतिक्रमण नहीं किया है. रक्षा विभाग का सवालों के घेरे में आयी इस जमीन से कोई लेना देना नहीं है.’