टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में लूप टेलीकॉम में एस्सार के शेयर होने के निष्कर्ष को लेकर मतभेद होने के बाद सीबीआई ने इस संबंध में एटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती से फिर से सलाह मांगने का फैसला किया है.
सूत्रों ने कहा कि सीबीआई के अभियोजन विभाग का मत कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के विचारों के समान है. सीबीआई ने लूप टेलीकॉप में एस्सार के शेयर होने (शेयरों की क्रॉस-होल्डिंग) के बारे में अपने निष्कषरें से जांच एजेंसी की ही विधि इकाई को अवगत कराया था क्योंकि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के इस बारे में विचार अलग थे.
मंत्रालय ने कहा था कि रूइया बंधुओं के नेतृत्व वाले एस्सार समूह की लूप टेलीकॉम में 2.15 फीसदी की हिस्सेदारी है. आरोपों के विपरीत यह हिस्सेदारी 10 फीसदी से अधिक नहीं है. सीबीआई अब तक यह दावा करती रही है कि लूप टेलीकॉप में एस्सार के शेयर 10 फीसदी से अधिक थे. दोनों ही कंपनियों ने इस बात का खंडन किया है.
एक सूत्र ने कहा, ‘अभियोजन विभाग ने कहा है कि लूप टेलीकॉम में स्वीकार्य सीमा से अधिक हिस्सेदारी रखने के मुद्दे पर एस्सार के खिलाफ मामला बनने की कोई गुंजाइश नहीं है.’ मुंबई स्थित कंपनी पंजीयक ने कहा था, ‘एस्सार समूह की लूप टेलीकॉम में तीन सितंबर 2007 की स्थिति के अनुसार हिस्सेदारी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 2.15 फीसदी ही है. यही वह तारीख है जब यूएएस लाइसेंस के लिये दूरसंचार विभाग को अर्जी भेजी गयी थी.’