2जी स्पेक्ट्रम मामले में सीबीआई शनिवार को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और उनके कई करीबी सहयोगियों के खिलाफ संलग्नकों के साथ लगभग 80,000 पृष्ठों का पहला आरोपपत्र दायर करेगी.
राजा के अलावा उनके कई सहयोगियों और कई रीयल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर होना है. इन पर कथित तौर पर राजकोष को नुकसान पहुंचाने और टेलीकॉम लाइसेंस पाने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप है. सूत्रों ने बताया कि आरोपों की पहली सूची में कई बड़े औद्योगिक घरानों के नाम भी आ सकते हैं, जिनके घोटाले में लाभ पाने वालों के साथ कथित संबंध हैं.
आरोपों की दूसरी सूची पूरक आरोपपत्र में दी जा सकती है, जो संभवत: इस महीने के अंत में दायर किया जाए. सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि राजा के कार्यकाल के दौरान स्थापित दूरसंचार कंपनियों ने अवैध रूप से 2 जी स्पेक्ट्रम पाने के लिए स्वान टेलीकॉम और लूप टेलीकॉम दूरसंचार कंपनियों का मुखौटे की तरह इस्तेमाल किया. {mospagebreak}
एजेंसी ने अदालत में कहा था कि राजा ‘धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार’ के आरोपों का सामना करेंगे. सीबीआई ने अदालत के सामने कहा कि स्वान और लूप ने स्पेक्ट्रम पाने के लिए अपनी कंपनियों के बारे में विवरण छिपाया और ये कंपनियां ‘धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश’ के आरोप का सामना करेंगी.
एजेंसी ने अदालत को बताया कि राजा के कार्यकाल के दौरान कई कंपनियों को 2जी स्पेक्ट्रम दिलाने के लिए पहले आओ-पहले पाओ की नीति को बदलते हुए ‘जालसाजी’ किए जाने के सबूत भी हैं. हालांकि सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक राजकोष को हुआ नुकसान आरोपपत्र में शामिल नहीं किया जा सकता क्योंकि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को अभी इस आवंटन में हुए नुकसान का आकलन करना बचा है. यह आरोपपत्र न्यायमूर्ति ओ पी सैनी की विशेष अदालत में दायर किया जाएगा. {mospagebreak}
सीबीआई ने पिछले साल न्यायालय को बताया था कि वह 31 मार्च तक पहला आरोपपत्र दायर कर देगी, जिसमें इस मामले की एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई जांच के बारे में भी जानकारी होगी. इसके बाद सीबीआई ने इसके लिए दो और दिनों का समय मांगा. संभावना व्यक्त की जा रही है कि सीबीआई पहला आरोपपत्र दायर करने के बाद अदालत से इस मामले में जांच जारी रखने की अनुमति मांगे.
सूत्रों के मुताबिक, इस आरोपपत्र में राजा के अलावा, उनके व्यक्तिगत सहायक आर के चंदोलिया, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, एटिसैलेट डीबी (पूर्व में स्वान टेलीकॉम) के पूर्व प्रबंध निदेशक शाहिद उस्मान बलवा और एक सांसद का नाम शामिल किया जा सकता है.