जयप्रकाश पॉवर वेंचर लिमिटेड (जेपीवीएल) ने गुरुवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश में उसकी 1000 मेगावाट की पनबिजली परियोजना को 'यूनाईटेड नेशंस फ्रेमवर्क कनवेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज' (यूएनएफसीसीसी) ने क्लीन डेवलपमेंट मिकैनिज्म (सीडीएम) के लाभ के लिए पंजीकरण कर लिया है. करचम वांगटू पनबिजली परियोजना सतलुज नदी पर स्थित है. इस पर 6,900 करोड़ रुपये का खर्च आया है.
कम्पनी के मुताबिक इस परियोजना से हर साल 35.4 लाख कार्बन डाईऑक्साइड कटौती हासिल होगी. कम्पनी ने एक बयान में कहा कि मौजूदा दर के हिसाब से परियोजना को सलाना 80 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये मूल्य का कार्बन क्रेडिट हासिल होगा, जिसकी अवधि 15 अक्टूबर 2011 से 14 अक्टूबर 2021 तक होगी.