अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी सीआईए के फोरेंसिक विशेषज्ञों का एक दल ऐबटाबाद के उस परिसर का दौरा करेगा जहां अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन अमेरिकी सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारा गया था.
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि सीआईए का यह दल कुछ दिनों के भीतर पाकिस्तान पहुंच सकता है. यह दल उन वस्तुओं की तलाश करेगा, जो अमेरिकी सुरक्षा बल अपने साथ नहीं ले गये थे. पाकिस्तान सरकार की ओर से सीआईए को परिसर की तलाशी लेने की इजाजत दी गई है. पहले उपग्रहों की मदद से इस परिसर की दूर से जांच-पड़ताल की गई थी.
सीआईए को संदेह है कि ओसामा ने परिसर के भीतर अलकायदा से जुड़े दस्तावेज छिपा रखे होंगे. बीते दो मई को अमेरिकी सुरक्षा बल ‘सील’ ने एक अभियान में ओसामा को मार गिराया था. सीआईए के एक अधिकारी ने कहा, ‘सील ने सिर्फ 40 मिनट ही ऐबटाबाद में परिसर में गुजारे थे. अब उस परिसर की गहन तलाशी का लक्ष्य रखा गया है.’
समाचार पत्र ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने कहा, ‘सीआईए के उप निदेशक माइकल जे मोरेल ने बीते सप्ताह इस्लामाबाद के दौरे के समय ऐबटाबाद जांच दल भेजे जाने के बारे में बात की थी. आईएसआई प्रमुख अहमद शुजा पाशा के साथ मुलाकात के दौरान इस बारे में बात हुई थी.’
अखबार का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से सीआईए के दल को ऐबटाबाद जाने की इजाजत दिये जाने को दोनों एजेंसियों के बीच रिश्तों के संदर्भ में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान ने सीआईए के दल को उन वस्तुओं की भी जांच करने की इजाजत दी है, जिन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों ने मौके से बरामद किये थे.