मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की बजाय राज्य के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर वाले परिवारों (बीपीएल) की चिंता करनी चाहिए.
भोपाल में संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को अजय सिंह ने पूछा गया कि 'मुख्यमंत्री चौहान आईपीएल में जारी गड़बड़ी को लेकर कहते हैं कि इसे बंद कर देना चाहिए'. इस पर सिंह का कहना है कि चौहान आईपीएल के बारे में क्या जानते हैं. उन्हें वास्तव में आईपीएल नहीं, उस गरीब (बीपीएल) की चिंता करना चाहिए जिसे खाद्यान्न नहीं मिल रहा है और गेहूं की खरीदी में ठगा जा रहा है.
बुंदेलखण्ड में जनचेतना यात्रा के दौरान 21 विधानसभा क्षेत्रों का भ्रमण कर लौटे अजय सिंह ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में बातें तो बड़ी-बड़ी करती है, मगर हकीकत कुछ और है. मंडियों में किसानों का गेहूं नहीं खरीदा जा रहा है, बल्कि बिचौलिए लाभ कमा रहे हैं. इतना ही नहीं गरीबों के लिए आया सार्वजनिक वितरण प्रणाली का गेहूं भी समर्थन मूल्य पर बिक रहा है.
एक सवाल के जवाब में अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने प्रतिनिधियों को बुंदेलखण्ड के हर जिले की कमान सौंप दी है और उन्हें एक-एक जिले का मुख्यमंत्री बनाकर बैठा दिया है, जो योजनाओं की बंदरबांट करने में लगा है.
बुंदेलखण्ड पैकेज का लाभ आम आदमी को नहीं मिल रहा बल्कि प्रभावशाली लोगों के खेतों में तालाब बनाए जा रहे है. इसके अलावा पठार तक में तालाब बना दिए गए हैं, जो औचित्यहीन है.
बुंदेलखण्ड के हालात बदलने का कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी ने जो सपना देखा था वह क्या पूरा हो पाएगा, इस सवाल पर उन्होनें प्रतिप्रश्न किया कि ऐसे में कैसे पूरा होगा सपना. यह पैकेज तो गरीबों के लिए आया है मगर लाभ कोई और ले रहा है.
एक तरफ पैकेज में गड़बड़ी हो रही है, तो दूसरी ओर महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में मजूदरों को काम नहीं मिल रहा है. यही कारण है कि बुंदेलखण्ड से पलायन जारी है.