महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने दक्षिण मुंबई में आदर्श सहकारी आवासीय सोसायटी को महत्वपूर्ण स्थान पर भूखंड का आवंटन किए जाने से उत्पन्न विवाद पर विस्तृत जानकारी मांगी है.
एक अधिकारी ने बताया कि चव्हाण ने मामले पर संबद्ध विभागों से जानकारी देने के लिए कहा है जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया, ‘हमारे रिकॉर्ड्स के अनुसार, भूमि राजस्व विभाग की है और इसका कब्जा रक्षा मंत्रालय के पास था.’ विवाद इस बात को लेकर है कि कारगिल युद्ध के नायकों और विधवाओं को मकान मुहैया कराने की खातिर बनाई जाने वाली छह मंजिला इमारत ‘आदर्श सहकारी आवासीय सोसायटी’ नौकरशाहों, राजनीतिज्ञों और शीर्ष रक्षा अधिकारियों की मिलीभगत से किस प्रकार 31 मंजिला टॉवर में तब्दील हो गई.
यह इमारत कोलाबा के नौसैनिक क्षेत्र में 6,450 वर्ग मीटर के भूखंड पर बनी है. इसे इस आधार पर अनुमति दी गई थी कि इसमें युद्ध नायकों और विधवाओं को मकान दिए जाएंगे. लेकिन अब इसमें 104 सदस्य रह रहे हैं जिनमें सेना के कुछ वरिष्ठ कमांडर, एक पूर्व पर्यावरण मंत्री, विधायक और राज्य के कुछ नौकरशाह शामिल हैं.