भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सीवीसी के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर असंतोष जताते हुए आज कहा कि यह मुद्दा पार्टी के लिए खत्म नहीं हुआ है और संप्रग सरकार की विफलता के खिलाफ पार्टी जनसंघर्ष छेड़ेगी.
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में गडकरी ने कहा, ‘सीवीसी का मुद्दा भाजपा के लिए खत्म नहीं हुआ है. प्रधानमंत्री के बयान से हम संतुष्ट नहीं हैं. हम इस मुद्दे पर तथा सरकार की अन्य विफलताओं के खिलाफ जनता की अदालत में जाएंगे.’
हालांकि थॉमस मामले में पार्टी में मतभेद देखा जा रहा है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने जहां इस बारे में प्रधानमंत्री के बयान पर असंतोष जताया वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज संतोष प्रकट कर चुकी हैं.
पार्टी नेताओं में मतभेद के सवाल पर भाजपा अध्यक्ष ने केवल इतना कहा कि दोनों नेताओं के बयान में किसी तरह का विरोधाभास नहीं है. पार्टी का इस मुद्दे पर एक ही रुख है.
गडकरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हसन अली का मामला हो या सीवीसी का, उच्चतम न्यायालय से केंद्र को कड़ी फटकार लगी है....देश में संप्रग सरकार की गलत नीतियों और कांग्रेस के कुशासन के कारण यह स्थिति हो रही है और सरकार किसी तरह की कार्रवाई करने में विफल रही है.’{mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘22 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गैरकानूनी रकम विदेशी बैंकों में जमा है. 140 में से 117 देशों ने अपने कानून में संशोधन किया है. जर्मनी ने एक सूची भी भारत सरकार को इस संबंध में भेजी है लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही.’ उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ भाजपा अपने स्थापना दिवस छह अप्रैल पर राष्ट्रव्यापी जनसंघर्ष छेड़ेगी.
गडकरी ने कहा कि छह अप्रैल से 15 जून तक 600 जिलों में विशाल रैलियां आयोजित की जाएंगी. शहरों में भ्रष्टाचार के खिलाफ मैराथन दौड़ का आयोजन किया जाएगा, वहीं देशभर में इस आंदोलन के तहत नाटक, नुक्कड नाटक, कार्टून प्रदर्शनी आदि का आयोजन होगा. इसके अलावा जिला और राज्यस्तरीय नेता गांवों तक जाएंगे.
राज्यसभा में प्रधानमंत्री द्वारा अपने बयान में पीएमओ में पूर्व राज्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का नाम लेने के बारे में जब भाजपा अध्यक्ष से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘इस मामले में प्रधानमंत्री अपने पूर्व राज्यमंत्री पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं और पूर्व राज्यमंत्री केरल सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.’
गडकरी ने कहा, ‘जिस तरह से यह सरकार चल रही है प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता समाप्त हो रही है.{mospagebreak} उच्चतम न्यायालय की तरफ से लगातार फटकार पड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है.’ क्या भाजपा प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर इस्तीफा मांगेगी, इस पर उन्होंने कहा, ‘संवेदनशील व्यक्ति को खुद ही उचित निर्णय लेना चाहिए. जहां तक हमारी पार्टी की बात है. हम जनता के बीच जाएंगे.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में भी अनेक घोटालों की रिपोर्ट पार्टी के लोग तथ्यों के आधार पर तैयार कर रहे हैं.
कालेधन पर पार्टी के एक कार्यबल की रिपोर्ट पर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से खेद प्रकट करने के बारे में गडकरी ने कहा कि आडवाणी ने अपने पत्र में अंत में केवल स5यता के नाते सुसंस्कृत शब्दों में माफी मांगी.
गौरतलब है कि रिपोर्ट में गांधी परिवार का भी नाम लिया गया था और इस बारे में सोनिया ने पत्र लिखकर आपत्ति प्रकट की थी, जिस पर आडवाणी ने खेद प्रकट किया.