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राष्ट्रमंडल घोटाला: भनोट व वर्मा 5 दिन के सीबीआई रिमांड पर

राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के पूर्व अधिकारियों ललित भनोट और वीके वर्मा को एक स्विस कंपनी के साथ सौदे में 107 करोड़ रुपये की कथित अनयिमितताओं के मामले में गुरुवार को पांच दिन के सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया.

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ललित भनोट
ललित भनोट

राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के पूर्व अधिकारियों ललित भनोट और वीके वर्मा को एक स्विस कंपनी के साथ सौदे में 107 करोड़ रुपये की कथित अनयिमितताओं के मामले में गुरुवार को पांच दिन के सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया.

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विशेष न्यायाधीश तलवंत सिंह ने कहा, ‘दोनों आरोपियों को पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा जाता है.’ सीबीआई ने अदालत से कहा कि दोनों आरोपियों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और स्विटजरलैंड स्थित कंपनी स्विस टाइमिंग लिमिटेड को अत्यधिक दर पर लगभग 107 करोड़ रुपये का ठेका दिया जिससे सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ा.

सीबीआई ने आयोजन समिति के पूर्व महासचिव भनोट और पूर्व महानिदेशक वर्मा को बुधवार को गिरफ्तार किया था. ये दोनों आयोजन समिति के पूर्व प्रमुख सुरेश कलमाडी के काफी करीबी माने जाते हैं. एजेंसी ने दोनों का 7 दिन का रिमांड मांगते हुए अपने आवेदन में कहा, ‘आरोपी ललित भनोट और वर्मा आयोजन समिति के महत्वपूर्ण अधिकारी थे और स्विस टाइमिंग को योजनाबद्ध ढंग से अत्यधिक दर पर अंक एवं परिणाम प्रणाली (टीएसआर) का ठेका देने में उनकी अहम भूमिका थी.’ {mospagebreak}

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सीबीआई ने आगे कहा कि आरोपियों का रवैया ‘टरकाने वाला तथा असहयोगात्मक’ रहा है और वे आपराधिक षड्यंत्र के सही तथ्यों तथा परिस्थितियों का खुलासा नहीं कर रहे. सीबीआई के आवेदन का विरोध करते हुए भनोट के वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि स्विस कंपनी को ठेका देने में उनके मुवक्किल ने कोई भूमिका नहीं निभाई.

उन्होंने प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर सवाल खड़ा किया जिसके आधार पर भनोट और वर्मा को गिरफ्तार किया गया. गुप्ता ने कहा कि यह ‘पूरी तरह झूठ’ है और असत्य तथा अपूर्ण तथ्यों पर आधारित है. वर्मा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमन लेखी ने कहा कि प्राथमिकी ‘पूरी तरह से गढ़ी’ गई है.

सीबीआई की पैरवी करने वाले वरिष्ठ सरकारी वकील वीके शर्मा ने अदालत से कहा कि एजेंसी ने प्रारंभिक जांच की है और दोनों आरोपियों (भनोट तथा वर्मा) को कुछ उपयुक्त दस्तावेज हासिल करने के बाद ही गिरफ्तार किया गया. एजेंसी ने स्विस टाइमिंग लिमिटेड और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ भनोट और वर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. {mospagebreak}

सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि इस घोषणा के साथ आशय पत्र (ईओआई) प्रकाशित कराया गया कि केवल स्विस कंपनी ही मापदंडों पर खरी उतरी. प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया ‘एक अक्तूबर 2009 को प्रस्ताव के लिए आग्रह (आरएफपी) जारी किया गया. चार अक्तूबर 2009 को इसमें गुप्त रूप से संशोधन किया गया इस कारण निविदाएं और भी प्रतिबंधात्मक हो गईं.

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आरएफपी के जवाब में दो निविदाएं प्राप्त हुईं. हालांकि स्पेन की एक कंपनी को बोली से पूर्व पात्रता चरण में ही कथित तौर पर गलत तरीके से बाहर कर दिया गया.’ जांच एजेंसी खेल आयोजन से संबंधित साज सज्जा परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं और क्वीन्स बैटन रिले मामले में पहले ही सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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