सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स और देवास के बीच हुए विवादास्पद सौदे को निरस्त करने का फैसला किया है.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में यह तय किया गया.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने इस बात से साफ इंकार किया कि एंट्रिक्स के साथ एस-बैंड स्पेक्ट्रम लीज पर दिये जाने के बारे में हुए विवादास्पद सौदे पर उनके कार्यालय ने देवास के साथ बातचीत जारी रखी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अंतरिक्ष आयोग के फैसले को हल्का करने का कोई प्रयास नहीं किया गया.
उन्होंने हालांकि कहा कि अगर सौदे को निरस्त करने में विलंब हुआ है तो केवल प्रक्रियागत विलंब हुआ. एंट्रिक्स कॉरपोरेशन ने जनवरी, 2005 में देवास मल्टीमीडिया के साथ इसरो द्वारा निर्मित दो उपग्रहों के 90 प्रतिशत ट्रांस्पोंडर लीज पर देने के समझौते पर दस्तखत किये थे.
मीडिया के एक खुलासे में दावा किया गया था कि इस सौदे से राजकोष को दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो सकता था. इस मसले पर पिछले साल दो जुलाई को विचार करने वाले अंतरिक्ष आयोग ने सौदा निरस्त करने की सिफारिश की थी.