scorecardresearch
 

मंत्रिमंडल में नये चेहरों के आने की संभावना

अगले एक दो दिन में केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल होने की संभावना के बीच तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस से 10-12 नये चेहरे कैबिनेट में दिखायी पड़ सकते हैं.

Advertisement
X

Advertisement

अगले एक दो दिन में केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल होने की संभावना के बीच तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस से 10-12 नये चेहरे कैबिनेट में दिखायी पड़ सकते हैं.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच फेरबदल को लेकर तीन बैठकें हो चुकी हैं लेकिन इस विषय पर अभी तक आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है.

ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि सोमवार या मंगलवार को फेरबदल हो सकता है.

बहरहाल, सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक सुदीप बंदोपाध्याय को अंतत: मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है और उन्हें राज्य मंत्री (संभवत: वित्त मंत्रालय में

राजस्व का प्रभार) बनाया जा सकता है.

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वित्त राज्य मंत्री एस एस पलानीमणिक्कम को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है क्योंकि द्रमुक के उनके सहयोगी ए राजा और दयानिधि मारन

Advertisement

मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके हैं.

तृणमूल कांग्रेस में ऐसी चर्चा है कि रेल मंत्रालय के लिए ममता बनर्जी की ओर से दिनेश त्रिवेदी का नाम आगे किया जा सकता है. पश्चित बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता ने रेल

मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था.

माना जा रहा है द्रमुक ऐसे वक्त में मंत्री पद के लिए नये नाम देने के पक्ष में नहीं है जब उसके दो मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ गया है और पार्टी प्रमुख करूणानिधि की बेटी जेल में है. करूणानिधि और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के बीच कल एक बैठक हुई थी.

ऐसा समझा जा रहा है कि करूणानिधि ने उनसे कहा था कि पार्टी दयानिधि मारन और ए राजा का स्थान किसी और को दिए जाने के मुद्दे पर आम परिषद की बैठक के बाद फैसला करेगी, जो कोयंबटूर में 23 और 24 जुलाई को होगी.

मारन और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री मुरली देवड़ा के इस्तीफे की पेशकश के मद्देनजर मंत्रिमंडल में फेरबदल की योजना बनाई गई है.

फेरबदल में चार बड़े मंत्रालय,वित्त, गृह, विदेश और रक्षा में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद है. मध्य स्तर पर बदलाव हो सकता है जैसे कि जिन मंत्रियों को राज्यमंत्री के स्तर पर स्वतंत्र प्रभार दिया गया है.

Advertisement

हाल ही में मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए अनसूचित जनजाति मामलों के मंत्री कांति लाल भूरिया को उनके मंत्रालयी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा सकता है ताकि वह भाजपा शासित राज्य में पार्टी से जुड़े कार्य पर पूरा समय दे सकें.

ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संकेत दिया है कि अगले साल होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार बनने को कहीं अधिक इच्छुक हैं. पार्टी के प्रमुख दलित नेता शिंदे गांधी नेहरू परिवार के विश्वस्त माने जाते हैं. वह पिछले पांच साल से ऊर्जा मंत्री हैं.

उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड सहित आधे दर्जन राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस नेतृत्व चुनाव में पार्टी को फायदा पहुंचाने वाला कदम उठाएगा.

कपिल सिब्बल की तरह ऐसे कई मंत्री हैं जो दोहरा प्रभार संभाल रहे हैं. संतोषजनक प्रदर्शन नहीं करने वाले मंत्रियों को हटाने की भी चर्चा चल रही है.

Advertisement
Advertisement