सांसदों के वेतन और भत्ते बढ़ाने के संबंध में निर्णय को टाल देने पर अपना रोष जताते हुए राजद के लालू प्रसाद यादव सहित कई दलों के सदस्यों ने संसद में भारी हंगामा किया, जिसके चलते अध्यक्ष को सदन की बैठक दो घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. उधर इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि वह इस पर ‘तटस्थ’ रहना पसंद करेंगी.
इस मुद्दे पर कई दलों के सदस्यों के भारी हंगामें की वजह से लोकसभा की बैठक दो घंटे के लिए स्थगित किए जाने के बाद अध्यक्ष ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, फिलहाल इस मुद्दे पर सदन में आपने हंगामा और सांसदों के अलग अलग विचार देखें. जब सदन में मत-भिन्नता हो, तो अध्यक्ष, जिससे तटस्थता की अपेक्षा की जाती है, उसे अपने विचार व्यक्त करना उचित नहीं है.
सांसदों के वेतन तय करने के लिए पृथक वेतन आयोग बनाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस पर विचार देने से पहले उन्हें मामले को देखना होगा. कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में सांसदों के वेतन और भत्ते बढ़ाने के बारे में चर्चा हुई थी, लेकिन इस संबंध में निर्णय को फिलहाल टाल दिया गया. इस पर अपना रोष जताते हुए राजद के लालू प्रसाद सहित कई दलों के सदस्यों ने प्रश्नकाल के बाद भारी हंगामा किया, जिसके चलते अध्यक्ष को सदन की बैठक दो घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी.{mospagebreak}इस मुद्दे पर सपा के मुलायम सिंह सहित बसपा, जदयू, शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य लालू का समर्थन करते देखे गए. कांग्रेस के कई सदस्य भी उनका समर्थन कर रहे थे.
सांसदों को अभी 16,000 रुपये प्रति माह बतौर वेतन मिलता है, जिसे बढ़ाकर 50, 000 रुपये करने का प्रस्ताव है. सांसदों की नाराजगी है कि उन्हें सरकार के सचिवों से भी कहीं कम वेतन मिलता है. सचिवों को 80,000 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है. सोलह हजार के वेतन के अलावा सांसदों को संसद सत्र चलने के दौरान प्रतिदिन 1000 रुपए भत्ते के रूप में मिलता है. संसदीय समितियों की बैठकों के लिए भी उन्हें 1000 रुपए का दैनिक भत्ता मिलता है.
इसके अलावा हर सांसद को 20,000 रुपये प्रतिमाह बतौर चुनाव क्षेत्र भत्ते और अन्य 20,000 रुपये प्रतिमाह कार्यालय खर्च के रूप में दिए जाते हैं. सांसदों को इनके अतिरिक्त यात्रा के लिए कई वायु उड़ानें, ट्रेन के एसी प्रथम श्रेणी से मुफ्त सफर करने की सुविधा मिली हुई है. सांसद रहने तक नि:शुल्क फ्लैट या होस्टल सुविधा भी उन्हें मिलती है.